Thursday, October 15, 2009

प्लैटिनम की खोज - एपिसोड : 42

‘‘क्यों न इसे उभयलिंगी बना दिया जाये।’’
‘‘क्या मतलब?’’
‘‘मैंने किताबों में पढ़ा है कि कुछ जानवर नर और मादा दोनों होते हैं। जैसे केंचुआ। मैंने सोचा है कि अगर उस जानवर को भी उभयलिंगी बना दिया जाये तो वह खुद ही संतान पैदा कर लेगा।’’

‘‘तरकीब तो अच्छी है। लेकिन यह काम किस तरह होगा?’’
‘‘मैं बहुत जल्द इस जंगल में एक प्रयोगशाला स्थापित करने जा रहा हूं। जहां मैं इस बारे में रिसर्च करूंगा। जब मैं अपनी इस खोज को दुनिया के सामने लाऊंगा तो दुनिया चकित हो जायेगी।’’ प्रोफेसर ने हाथ नचाते हुए कहा।

‘‘मेरा विचार है कि हम ऐसा नहीं कर पायेंगे।’’
‘‘वह क्यों?’’ प्रोफेसर ने चौंक कर पूछा।
‘‘क्योंकि उससे पहले ही जंगली हमें बकरा बनाकर चट कर जायेंगे।’’

‘‘ओह! मुझे तो ध्यान ही नहीं था कि हम जंगलियों के बीच चल रहे हैं। लेकिन ये हमें ले कहां जा रहे हैं?’’
"शायद स्वर्ग की ओर। किन्तु अफसोस ये है कि इस यात्रा में शमशेर सिंह हमारे साथ नहीं है।’’ रामसिंह ने एक ठण्डी सांस भरी।
‘‘पता नहीं वह कहां गुम हो गया।’’ प्रोफेसर ने भी उदास होकर कहा।

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फिर शमशेर सिंह को वह स्थान दिखाई पड़ गया जहां जंगली उसे ले जा रहे थे। सामने कच्चे घरों से बनी एक बस्ती दिखाई पड़ने लगी थी। पूरी बस्ती बासों की बनी एक दीवार से घिरी थी। बस्ती के अन्दर घुसने के लिए इसी दीवार में एक गेट बना हुआ था।

द्वार के पास पहुंचते ही जंगलियों ने एक नारा लगाया और बस्ती के अन्दर उपस्थित व्यक्ति चौंक कर उसी ओर देखने लगे। फिर उनमें से कुछ लोग तेजी से बाहर की ओर दौड़े। इन लोगों में कुछ महिलाएं भी थीं। इन महिलाओं की सज धज देखते ही बनती थी। दोनों कानों में दो छोटे छोटे सफेद व चमकदार गोल पत्थर लटक रहे थे। गले में जानवरों की हड्डियों से बनाये गये हार पड़े थे। नाक में भी आभूषण के रूप में लोहे की बनी हुई नकेल जैसी कोई वस्तु लटक रही थी। किन्तु सबसे अधिक आकर्षक उन लोगों के लम्बे घने को थे जो उनकी कमर तक लटक रहे थे। इन केशों में मरी हुई छिपकलियां पिरोकर उन्हें संवारा गया था।

जब ये 'अप्सराएं' देवदूतों के साथ दौड़ती हुई शमशेर सिंह के पास पहुंचीं तो शमशेर सिंह की आत्मा किसी और स्वर्ग की तलाश में जाने का प्रयत्न करने लगी।
अंदर से आये व्यक्तियों ने शमशेर सिंह को टटोल टटोल कर देखना आरम्भ कर दिया फिर उनमें से एक अपनी भाषा में बोला, ‘‘यह कौन है?’’

"शिकार ।’’ शमशेर सिंह के साथ आये जंगलियों ने में से एक ने जवाब दिया।

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