मारिसन जब इं-राफेल और वैशाली को लेकर उस मज़दूर के पास पहुंचा तो वह खुदाई की मशीन के पास मौजूद मशीन आपरेटर की मदद कर रहा था। मारिसन ने मशीन आपरेटर से मशीन रोकने के लिये कहा। मशीन रुक गयी और उस मज़दूर ने अपना चेहरा उनकी तरफ घुमाया।
‘‘यही है! यही है मेरे पति अशोक का कातिल।’’ उसे देखते ही वैशाली ने चिल्लाकर कहा। मज़दूर शायद अंग्रेज़ी भाषा समझता था। क्योंकि वैशाली की बात सुनते ही वह हड़बड़ा गया और मशीन से नीचे कूदकर भागने लगा।
इं-राफेल ने अपनी पिस्टल उसकी तरफ तानकर उसे रुकने के लिये कहा। लेकिन वह नहीं रुका। इं-राफेल ने गोली चलाई जो उसके पैर में लगी। वह वहीं गिर गया। अब तीनों उसकी तरफ बढ़े।
-------
इं-राफेल और मारिसन इस समय ग्लोटेक्ट के चेयरमैन के कमरे में मौजूद थे। और चूंकि दोनों बिना किसी सूचना के अन्दर दाखिल हुए थे अत: चेयरमैन ने नागवार दृष्टि से उनकी ओर देखा।
‘‘मि0चेयरमैन हम आपको अशोक के क़त्ल के जुर्म में गिरफ्तार करते हैं।’’ इं-राफेल ने अन्दर दाखिल होते ही चेयरमैन को संबोधित किया। जबकि मारिसन चेयरमैन के पीछे जाकर खड़ा हो चुका था।
चेयरमैन ने क्रोधित दृष्टि से उसकी ओर देखा, ‘‘क्या बक रहे हैं आप लोग। भला मैं अपनी ही कंपनी के होनहार एम्प्लाई का क़त्ल क्यों करूंगा। और क्या सुबूत है आपके पास कि मैंने वह क़त्ल किया है।’’
‘‘वह आदमी हमारी गिरफ्त में आ चुका है जिसे आपने अशोक के कत्ल की सुपारी दी थी। और उस सूडानी ने सब कुछ कुबूल कर लिया है। रही बात वजह की तो उसे आप ही बतायेंगे मि0चेयरमैन।’’
‘‘मैंने किसी को कोई सुपारी नहीं दी। वह आदमी झूठ बोल रहा है।’’ चेयरमैन अब भी इंकार कर रहा था।
‘‘सुबूत और भी हैं हमारे पास। शायद तुम्हें मालूम नहीं कि उस आदमी के बयान के बाद हमने कंपनी और अशोक के कागजात की फिर से गहराई के साथ जाँच की और अशोक के कत्ल के मामला पूरी तरह सुलझ गया। इशारे के लिये इतना ही काफी है कि यह मामला है यूरेनियम का।’’
चेयरमैन ने एक गहरी साँस ली। अब वह ढीला नज़र आने लगा था। ‘‘हाँ अशोक को मारना बहुत ज़रूरी हो गया था। क्योंकि वह यूरेनियम की खोज का राज़ एक बड़ी रकम के बदले में पूरी दुनिया को बताने जा रहा था।’’
‘‘गुड। अब तुम पूरी कहानी अपने मुंह से बयान करो।’’ इं-राफेल उसके सामने बैठ गया जबकि मारिसन कुर्सी खींचकर चेयरमैन की बगल में बैठ गया था।
‘‘दरअसल जिस देश में शहर बसाया जा रहा है उस देश को पूरा फाइनेंस उसका मित्र देश कर रहा है। और वह मित्र देश दुनिया की एक सुपर पावर है। लेकिन उस सुपर पावर का इसके पीछे एक छुपा मकसद है जिसका पता उस देश को भी नहीं।’’
‘‘और वह मकसद है यूरेनियम।’’
‘‘हां। जहां पर शहर बस रहा है वहां पर सुपर पावर मित्र देश ने कुछ अरसा पहले यूरेनियम के बहुत बड़े भंडार का पता चला लिया था। और उसी को गुप्त रूप से हासिल करने के लिये उसने वहां शहर बसाने का प्लान बनाया। प्लान ये था कि ऊपरी तौर पर बसे शहर के नीचे गुप्त रूप से कुछ सुरंगें बनी होंगी जिनके ज़रिये यूरेनियम बिना किसी को खबर किये उस देश को ट्रांस्फर कर दिया जायेगा। उस शहर में बसे उस देश के कर्मचारी इस काम को पूरी तरह गुप्त रूप से अंजाम देंगे। यहां तक कि इस बात का पता उस देश को भी नहीं चलेगा जिसकी सीमा में वह शहर बसा हुआ है।’’
‘‘लेकिन यह बात उस देश से क्यों छुपाई जा रही है?’’ इं-राफेल ने पूछा।
‘‘इसके पीछे दो वजहें हैं। पहली तो ये कि चूंकि यूरेनियम एक बहुत कीमती धातु है और हो सकता है उसके भंडार की जानकारी होने पर वह देश उसका सौदा किसी और के साथ ऊंचे दामों पर कर ले। या फिर अपने मित्र देश के साथ ही ऊंचे दामों पर सौदा करने की कोशिश करे। जबकि उसका मित्र देश यानि कि सुपर पावर उसे लगभग फ्री में हासिल करने की कोशिश कर रहा है।’’
‘‘और दूसरी वजह?’’
‘‘दूसरी वजह ये कि यूरेनियम के भंडार का एक बड़ा भाग अलजीरिया की सीमा में है। जिसके संबंध् उस सुपर पावर से अच्छे नहीं है। और अगर ये बात खुल जाये तो वह उस भंडार का सौदा यकीनी तौर पर उस सुपर पावर की अपोजिट पार्टी से कर लेगा। लेकिन इस शहर को बसाने के बाद अंदर ही अंदर भंडार का वह हिस्सा भी इसी सुपर पावर के कब्ज़े में आ जायेगा।’’
‘‘तो ये बात है। और फिर अशोक को इसलिए मार दिया गया क्योंकि उसे यूरेनियम की कहानी मालूम हो गयी थी और उसे वो डाक्यूलीक्स के माध्यम से पूरी दुनिया को बताने जा रहा था।’’
‘‘हां। उसने लगभग पूरी डीटेल एक फाइल में बनाकर डाक्यूलीक्स तक लगभग भेज दी थी। लेकिन यह बात वक्त रहते हम तक पहुंच गयी और हमने उसकी फाइल बदल दी। नयी फाइल में हमने अशोक की हत्या का दोष अलजीरिया और उसके मित्र विकसित देश पर मढ़ दिया। अलबामा की गिरफ्तारी ने हमारी बात को बल दिया। लेकिन मुझे नहीं पता कि कैसे आप लोग सही मुजरिम तक पहुंच गये। क्योंकि उसने अपने काम में कोई सुबूत ही नहीं छोड़ा था।’’
‘‘बिना सुबूत के दुनिया का कोई जुर्म नहीं होता। चाहे वह जुर्म किसी सुपर पावर ही ने क्यों न किया हो। क्योंकि एक सूपर पावर ऐसी है जिसकी निगाहों से कुछ नहीं छुपता।’’ आसमान की तरफ इं-राफेल ने अपनी उंगली उठाई। चेयरमैन कुछ नहीं बोला हालांकि अभी भी उसके चेहरे पर घबराहट के कोई आसार नहीं थे।
-------
इस समय इं-राफेल और मारिसन अपनी कार से किसी लम्बी यात्रा पर थे।
‘‘हमने चेयरमैन को गिरफ्तार कर लिया है और फाइल बनाकर हाई कमांड को भेज दी है। लेकिन इतनी बड़ी कामयाबी की खबर हम प्रेस को क्यों नहीं दे रहे?’’ मारिसन ने इं-राफेल से पूछा।
‘‘अभी हाई कमांड ने इसके लिये मना किया है। वह पहले अपने लेवेल पर इसकी जाँच करेंगे फिर इसे दुनिया के सामने लायेंगे।’’
‘‘लेकिन इस वक्त हम जा कहां रहे हैं?’’
‘‘अब मैं एक जाँच और करने जा रहा हूं।’’
‘‘कैसी जाँच?’’
‘‘वैशाली के सपने की जाँच।’’
मारिसन की समझ में हालांकि इं-राफेल की बात नहीं आई लेकिन इस बार वह खामोश रहा।
‘‘हम इस वक्त पर्ल फिजिक्स लैब जा रहे हैं प्रोफेसर हावर्ड से मुलाकात के लिये। इस बात का पता करने कि क्या सपनों के सच होने का कोई साइंटिफिक आधार हो सकता है?’’ मारिसन को खामोश देखकर इं-राफेल ने खुद ही आगे की बात बताई।
मारिसन ने प्रोफेसर हावर्ड का नाम अच्छी तरह सुन रखा था। क्योंकि वह अपने समय का जाना माना भौतिकविद था।
-------
‘‘यकीनन सपने सच हो सकते हैं। हम अक्सर सुनते हैं कि कुछ लोगों के आने वाली घटना की खबर सपने में मिल जाती है। अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन भी अपनी हत्या होते सपने में देख चुके थे। इसके पीछे भौतिकी की एक थ्योरी कमा करती है। हालांकि अभी इस बारे में वैज्ञानिक एकमत नहीं हैं लेकिन मैं इस थ्योरी से पूरा इत्तेफाक रखता हूं।’’ इं-राफेल ने जब वैशाली के सपने की कहानी प्रोफेसर हावर्ड को सुनाई तो हावर्ड के यही जुमले थे।
‘‘कौन सी थ्योरी?’’ इं-राफेल ने पूछा।
‘‘भौतिकी की यह थ्योरी ‘वर्चुअल पार्टिकिल’ थ्योरी से मिलती है। कुछ अरसे पहले क्वांटम मैकेनिक्स में कैसीमीर इफेक्ट नामक खोज हुई। जिसके बाद मालूम हुआ कि वास्तविक पार्टिकिल पहले आभासी स्वरूप में होते हैं। ये आभासी स्वरूप कुछ प्रोबेबिलिटी के साथ यूनिवर्स में कहीं भी मौजूद हो सकता है। वैकुअम फ्ल्क्चुएशन के ज़रिये कण अपने वास्तविक रूप में प्रकट होते हैं। तो उन कणों से जुड़ी घटनाओं के साथ भी यही होता है। वास्तविक कण पर लागू होने से पहले वह घटना आभासी कण पर आभासी रूप में घटित होती है। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो वास्तविक विश्व में वास्तविक लोगों के साथ जो भी घटनाएं घटती हैं वह उससे पहले आभासी विश्व में उन लोगों के आभासी स्वरूप के साथ घट चुकी होती हैं। अक्सर वही घटनाएं उस कणों से बने मनुष्य को सपने में पहले से दिख जाती हैं। दरअसल सपना वास्तविक लोगों और उनके आभासी स्वरूप के बीच सम्पर्क माध्यम होता है। और अगर हम उस माध्यम को ठीक ठीक समझ लें तो सटीक भविष्यवाणियां भी कर सकते हैं। अशोक और उसकी पत्नी के साथ ऐसा ही हुआ।’’ प्रोफेसर हावर्ड ने अपनी बात पूरी की।
‘‘शुक्रिया प्रोफेसर साहब। आपने हमारी बड़ी उलझन दूर कर दी।’’ राफेल ने उठते हुए कहा।
बाहर आकर दोनों अपनी कार में बैठ रहे थे। उसी समय इं-राफेल का फोन बजने लगा।
इं-राफेल ने फोन उठाया और थोड़ी देर बात करता रहा। फिर उसने कार आगे बढ़ा दी।
‘‘किसका फोन था?’’ मारिसन ने पूछा।
‘‘हाई कमांड से आया था। हमें आर्डर मिला है कि केस को अनसाल्वड लिखकर फाइल बंद कर दी जाये।’’
‘‘क्यों?’’ मारिसन ने चौंक कर पूछा।
‘‘क्योंकि इसमें उंगली उठ रही है उस सुपर पावर की तरफ। वही सुपर पावर हमारे फंड का भी बहुत बड़ा ज़रिया है।’’
‘‘ओह। लेकिन अशोक के उस कातिल का क्या होगा जिसे हमने गिरफ्तार किया है? कहीं न कहीं तो वह मुंह खोल ही देगा।’’
‘‘वह मर चुका है। थोड़ी देर पहले अफ्रीका का सबसे जहरीला सांप माँबा उसकी कोठरी में घुसकर उसे डस चुका है। बेचारे को साँस लेने का भी मौका नहीं मिला।’’
मारिसन कुछ नहीं बोला। दोनों की खामोशी के बीच कार के इंजन की हल्की आवाज़ सुनाई दे रही थी।
--समाप्त--