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Monday, July 4, 2011

ड्रामा द ग्रेट डिक्टेटर्स (Part - 7 & Last)


डा0सायनाइड  : देखा तुमने, मैंने क्या कहा था। जब बहुत सी पावर्स इकट्‌ठा होती हैं तो वह एक दूसरे को ही नष्ट कर देती हैं। इसलिए पावर बैलेंस बहुत ज़रूरी है। अभी मैं अपनी टोपियों पर आगे और रिसर्च करूंगा। 

जैक्सन  : आखिर ये रिसर्च करके तुम क्या साबित करना चाहते हो। इन डिक्टेटरों को पैदा करने से दुनिया को क्या फायदा पहुंचेगा। 
डा0सायनाइड  : मैं दुनिया को बहुत बड़ा फायदा पहुंचाने जा रहा हूं। इस रिसर्च से हमें ये समझने में मदद मिलेगी कि अगर दुनिया में कोई डिक्टेटर पैदा हो जाये तो उससे दुनिया को बचाया कैसे जाये।  
जैक्सन  : कहीं लेने के देने न पड़ जायें। डाक्टर मैं तुम्हारी बरबादी का भविष्य देख रहा हूं। 
डा0सायनाइड  : मैं तुझे वर्तमान में ही हेलीकाप्टर में उड़ाकर उसका पंखा बन्द कर दूंगा। नालायक, हर वक्त मनहूस बोलियां बोलता रहता है।
(उसी वक्त जार्ज बुश और हिटलर वापस आ जाते हैं। पीछे पीछे क्लियोपेट्रा भी है।) 

जार्ज बुश  : आज के दौर में हमारे दो ऐसे बड़े दुश्मन मौजूद हैं जो हमारे दुनिया के कब्ज़े की राह में सबसे बड़ी रुकावट हैं। ये है ओसामा बिन लादेन और सद्दाम हुसैन। 
हिटलर  : और बादशाह अकबर? 
जार्ज बुश  : उससे हमें कोई खतरा नहीं। अनारकली ने उसे बेकार कर दिया है। हम आज से ओसामा और सद्दाम को टेररिस्ट एनाउन्स करते हैं ताकि वह जहां भी दिखें दुनिया के बच्चे पत्थर लेकर उन्हें दौड़ा लें।

(उसी वक्त मि0कन्फ्यूज़ कराहते हुए स्टेज पर दाखिल होता है।)

मि0कन्फ्यूज़  : हाय हाय। 
जार्ज बुश  : अरे मि0कन्फ्यूज़। तुमको क्या हुआ? 
मि0कन्फ्यूज़  : अरे क्या बताऊं। हमारे गुजरात में नर्मदा बचाव वालों ने प्रोटेस्ट में मेरे घर पर धावा बोल दिया। मैं बचने के लिये औरतों के कपड़े पहनकर खिड़की से बाहर कूद गया और बाहर झाड़ियों में घुस गया। मुझे क्या पता था कि वहां आतंकवादी ग्रुप लश्करे तौबा पहले से छुपा हुआ है।
जार्ज बुश  : तो क्या उन्होंने तुमको मारा? 
मि0कन्फ्यूज़  : अरे उससे भी बुरा किया। उन्होंने मुझे औरत समझकर मेरा रेप कर डाला। 
हिटलर  : हांय। क्या उनको पता नहीं चला कि तुम औरत नहीं मर्द हो। 
मि0कन्फ्यूज़  : हाय! पता तो तब चलता जब वो आगे से काम करते। हाय हाय। 

जार्ज बुश  : आज टेररिज्म़ पूरी दुनिया के लिये खतरा बन चुका है। किसी की जान माल और इज्ज़त आबरू सेफ नहीं रह गयी है। हमको इस टेररिज्म़ को पूरी दुनिया से जड़ से मिटाना होगा। इस टेररिज्म़ को टा टा कहना होगा।
मि0कन्फ्यूज़  : टा टा तो हमारे गुजरात में पहले से है। अपनी नैनो के साथ।
जैक्सन  : (डा0सायनाइड से) क्या नैनो टाटा की माशूका का नाम है?
डा0सायनाइड  : इस चिथड़े को आशिक माशूक के अलावा कुछ सुझाई नहीं देता। चल भाग यहां से। (वह जैक्सन को ध्क्का देता है और जैक्सन छिटक कर दूर चला जाता है।)

जार्ज बुश  : मि0कन्फ्यूज़ के साथ जो हरकत हुई है उसने हमारा काम आसान कर दिया। 
हिटलर  : वह कैसे? 
जार्ज बुश  : अब हम पूरी दुनिया को टेररिज्म़ का टेरर दिखाकर जहां चाहें वहां हमले कर सकते हैं। और अपना कब्ज़ा जमा सकते हैं। चलो, अब हमें देर नहीं करनी चाहिए। 

(वह आगे बढ़ते हैं, उसी वक्त सामने से सद्दाम, ओसामा, अकबर और अनारकली पहुंच जाते हैं।)

ओसामा  : रुक जाओ। हम तुम्हें तुम्हारे मकसद में हरगिज़ कामयाब न होने देंगे। 
जार्ज बुश  : (हिटलर से।) इन्हें अपनी मिसाईलों से दाग़ दो। ये जिहादी हैं। जिहादी मुसलमान होते हैं। मुसलमान टेररिस्ट होते हैं और हमको टेररिज्म़ के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़नी है। 
(हिटलर और जार्ज बुश आगे बढ़ते हैं और सददाम व ओसामा से टकरा जाते हैं। कुछ देर दोनों में छीना झपटी चलती है और फिर जार्ज बुश व हिटलर ओसामा व सद्दाम की टोपियां उतारने में कामयाब हो जाते हैं। दोनों की टोपियां उतरते ही दोनों बेहोश होकर गिर जाते हैं।)
जार्ज बुश  : हम कामयाब हो गये। हमने दुनिया पर से टेररिज्म़ का खतरा उतार कर फेंक दिया। 

(दोनों अपने अपने हाथों की टोपियां तोड़ मरोड़ कर नीचे फेंक देते हैं। और फिर अपने पैरों तले कुचलने लगते हैं।)

जार्ज बुश  : अब हमारे बच्चे इज़्राइल के लिये कोई खतरा नहीं। 
हिटलर  : (चौंक कर।) क्या कहा इज़्राइल? क्या तू यहूदी है? 
जार्ज बुश  : नहीं। में तो क्रिश्चियन हूं। यहूदी तो मेरे बच्चा इज्ऱाइल है।  
हिटलर  : कुत्ते, कमीने, मैं तेरा खून पी जाऊंगा। 

(वह जार्ज बुश से भिड़ जाता है। और जल्दी ही वो दोनों भी एक दूसरे की टोपियां उतार लेते हैं। इसी के साथ दोनों बेहोश होकर गिर जाते हैं। अब बादशाह अकबर आगे बढ़ता है और दोनों के हाथ से टोपियां ले लेता है।)
अकबर : हमने पहले ही कहा था कि हुकूमत करने का तजुर्बा सिर्फ हमारे पास है।
(वह दोनों की टोपियां अपने पैरों तले कुचलता है। उसी वक्त अनारकली आगे बढ़ती है।)
अनारकली  : बादशाह सलामत आपकी हुकूमत का दौर बीत चुका है। अब यहां अनारकली की हुकूमत चलेगी। 
(वह बादशाह के सर से टोपी खींच लेती है। बादशाह अकबर भी नीचे गिर जाता है। अनारकली उसकी टोपी को पैरों तले रौंद रही है।)

अनारकली  : आजतक अनारकली मर्दों के हाथों का खिलौना बनती थी लेकिन आज से मर्द अनारकली के हाथों की कठपुतली बनेंगे। 
(उसी वक्त क्लियोपेट्रा आगे बढ़ती है।)
क्लियोपेट्रा  : बेवकूफ तू भूल गयी कि औरत का सबसे बड़ा दुश्मन मर्द नहीं बल्कि औरत ही होती है। मर्दों को कठपुतली बनाने के लिए क्लियोपेट्रा काफी है। तू जाकर किसी कोठे पर मुजरे कर। 
अनारकली  : तेरी किस्मत में ममी बनना लिखा है तू जाकर अपने पिरामिड में आराम कर। 
(दोनों एक दूसरे पर झपट पड़ती हैं। और एक दूसरे की टोपी को तोड़ने मरोड़ने लगती हैं। जैसे ही उनके सरों से टोपियां अलग होती हैं वे दोनों भी बेहोश होकर गिर जाती हैं। अब डाक्टर सायनाइड आगे बढ़ता है और एक एक टोपी उठाकर देखता है।)

डा0सायनाइड : अरे मेरी टोपियां। मैंने कितनी मेहनत से इन्हें बनाया था। इन कमबख्तों ने सारी कि सारी बरबाद कर डालीं।
जैक्सन  : बहुत अच्छा हुआ। दुनिया के सर पर मंडराता बहुत बड़ा खतरा टल गया। अब तुम्हारी टोपियों को पहनकर कोई डिक्टेटर नहीं बनेगा। 
डा0सायनाइड  : तुम क्या समझते हो। अब कोई डिक्टेटर पैदा ही नहीं होगा। ये जान लो कि जब जब दुनिया में शांति का ज़ोर बढ़ता है तब तब एक महान डिक्टेटर पैदा होता है जो उस शांति का रेप कर डालता है। हाय मेरी इन टोपियों का कैसा रेप हुआ है। 
(सर पकड़कर बिखरी हुई टोपियों के बीच बैठ जाता है। जबकि जैक्सन उसके पीछे खड़ा खुशी से मटक रहा है।)

---समाप्त---
(c) लेखक
यदि कोई सज्जन या संस्था इसका मंचन करना चाहे तो मुझसे  zeashanzaidi@gmail.com पर सम्पर्क करें।
--- जीशान हैदर जैदी (लेखक)

Sunday, July 3, 2011

ड्रामा द ग्रेट डिक्टेटर्स - (Part - 6)


डा0सायनाइड  : तो फिर बेफिक्र रह। चल मैं तुझे चिकन टिक्का खिलाता हूं। 

जैक्सन  : (मुंह पर ज़बान फेरते हुए) डाक्टर इतनी देर के बाद तूने मेरे मन की बात की है। चल जल्दी चल। 
डा0सायनाइड  : (उसका हाथ पकड़कर) जेब में पैसे हैं न? 
जैक्सन  : हां, हैं तो। 
डा0सायनाइड  : तो फिर जल्दी चल। (दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़कर निकल जाते हैं।)       
 
  (उध्रा सारे डिक्टेटर फिर से स्टेज पर आ जाते हैं।)
जार्ज बुश  : इससे पहले कि हम दुनिया की मुहिम पर निकलें, हमारे बीच ये फैसला हो जाना चाहिए कि दुनिया जीतने के बाद बादशाहत की गद्दी पर कौन बैठेगा। वैसे ये फैसला मैंने कर लिया है। और यूएन भी मेरे फैसले से राज़ी है। 
हिटलर  : लेकिन तुम्हारा फैसला है क्या जार्ज बुश? 
जार्ज बुश  : बादशाहत की गद्दी पर बैठने का हक सिर्फ मेरा है। ताकि हम अपना लाइफ स्टाइल पूरी दुनिया पर थोप सकें। और अगर किसी ने हमारा लाइफ स्टाइल नहीं अपनाया तो हम उसका लाइफ बरबाद कर देंगे। उसे फांसी पर लटका देंगे। उसके घर में प्लेन क्रैश करा देंगे।
ओसामा  : लेकिन तुम्हारा लाइफ स्टाइल है क्या?
जार्ज बुश  : हम मार्निंग के टाइम मैदान में लोटा लेकर नहीं जाते, हम टायलेट पेपर लेकर जाते हैं। तुम भी वाटर नहीं पेपर लिया करो। हम सेक्स नीचे से नहीं ऊपर से करते हैं। तुम भी करो। हमारे बच्चों में मैरिज लड़के लड़के और लड़की लड़की के बीच होती है, तुम भी करो।
ओसामा  : अगर हम ऐसी शादियां करेंगे तो हमारे बच्चे किधर से आयेंगे? फिर हमारे जिहादी ग्रुप कहां बन पायेंगे?

अकबर  : तुम सब खामोश हो जाओ। बादशाह बनने का हक़ सिर्फ हमारा है। हमें बादशाहत का पूरा तजुर्बा है और हम जानते हैं कि मुल्क कैसे चलाया जाता है। 
अनारकली  : बादशाह सलामत, आप एक अनारकली को तो संभाल नहीं पाये। उसने पूरी दुनिया में आपकी नाक कटा दी। भला पूरी दुनिया की हुकूमत कैसे चला पायेंगे। 
अकबर  : खामोश गुस्ताख लड़की। काश कि हमने रियल में तुम्हें दीवार में चुनवा दिया होता तो आज ये दिन देखने के लिये हम ज़िन्दा न होते। तुम सब सुन लो, अगर मुझे बादशाहत न मिली तो मैं सत्याग्रह करूंगा। 
ओसामा  : सत्याग्रह, वो क्या होता है? 
अकबर  : ये लफ्ज़ कल मैंने किताब में पढ़ा था। इसका मतलब होता है कि आगे से हाथ जोड़कर पीछे से ठोंक दो। 

मि0कन्फ्यूज़  : मैंने इतिहास में पढ़ा है कि अकबर पढ़ा लिखा कम था। आज देख लिया।
हिटलर  : अकबर, अगर तुम सत्याग्रह करोगे तो मैं अनशन करूंगा। मैं अपने अनशन के लिये एक आर्मी तैयार कर रहा हूं। जो सबको गैस चैंबर में ले जाकर मरवा देगी।
डा0सायनाइड  : अगर आज गांधीजी ज़िन्दा होते तो वह अपने शब्दों की ये परिभाषाएं सुनकर बिना गोली खाये मर जाते।
ओसामा  : आप लोग अपनी कहे जा रहे हो। हमारी भी तो सुनो। अगर आप दुनिया पर हुकूमत करोगे तो हम क्या करेंगे?
जार्ज बुश  : हुकूमत हमारे लिये छोड़ दो और तुम जिहाद करो। पूरी दुनिया को मार मारकर मुसलमान बनाओ, हम कुछ नहीं बोलेंगे।

ओसामा  : भाड़ में जाये मुसलमान और इस्लाम। हमें भी दुनिया की गद्दी पर बैठना है। हमारे जिहाद का असली मक़सद तो यही है। सद्दाम चलो, हम इसका साथ यहीं छोड़ देते हैं।
जार्ज बुश  : अगर तुम हमारा साथ छोड़ोगे तो हम तुमको ऊंची बाउन्ड्री वाले दो मंज़िला मकान में कैद कर देंगे। और फिर हमारा बेटा आकर तुम्हारा एनकाउन्टर कर देगा।
मि0कन्फ्यूज़  : इसके लिये हमारी सेवाएं हाज़िर हैं। हम फर्जी एनकाउण्टर स्पेशलिस्ट हैं। अपने गुजरात में बहुत करवाये हैं।
सद्दाम  : ये बात गलत है जार्ज बुश। हम तुम्हारी कठपुतली नहीं है। बादशाह बनने और हुकूमत करने का हक़ सबको है। 
जार्ज बुश  : इसे देखो। हमारे हथियार लेकर हमी पर गुर्रा रहा है। इसको मैंने अपना पेट (Pet  ) बनाया था लेकिन ये तो जंगली निकल गया।
ओसामा  : जब चूहे की पूंछ पर पैर पड़ता है तो वह भी काट लेता है। 
जार्ज बुश  : भाड़ में जाओ तुम लोग। दुनिया पर कब्ज़े के लिये मैं अकेला ही काफी हूं। हिटलर आओ हम और तुम मिलकर इस मिशन को आगे बढ़ाते हैं।

(वह हिटलर का हाथ पकड़ता है और दोनों निकल जाते हैं।)
क्लियोपेट्रा : रुको मैं भी आती हूं तुम्हारे साथ। गददी पर तुम लोग बैठोगे लेकिन असली हुकूमत तो मैं ही करूंगी । 
(वह भी उसी दिशा में चली जाती है। 
सद्दाम  : बादशाह सलामत, हम भी मुसलमान और आप भी मुसलमान। आप हमारे खैमे में आ जायें।
अकबर  : मैं मुसलमान नहीं हूं। मैंने तो नया मज़हब चलाया है दीने इलाही। 
सद्दाम  : कोई बात नहीं। हम कौन सा असली मुसलमान हैं। लेकिन हमारे नाम तो मुसलमानों ही वाले हैं। हम लोग दुनिया में मुस्लिम बनाम गैर मुस्लिम जिहाद का नारा दे रहे हैं। इस नारे के ज़रिये हम सब मिलकर इन लोगों का बैंड बजा देंगे।
ओसामा  : बैंड बजाना हमारे मज़हब में हराम है।

सददाम  : अबे अक्ल के खोते, मैंने मुहावरा बोला है। ये साला हर वक्त हमें अपनी मिसाईलों से डराता रहता है। चल अँधेरे में उसकी मिसाईलों को माचिस की तीली दिखा दें। सब मोमबत्ती की माफिक जलकर खत्म हो जायेंगी।
ओसामा  : आईडिया तो बढ़िया है। तो बादशाह सलामत, क्या आप हमारे खैमे में आने के लिये तैयार हैं। 
अकबर  : ठीक है। लेकिन एक शर्त है मेरी। 
ओसामा  : वह क्या? 
अकबर  : हमारी अनारकली को तुम लोगों में से कोई आँख उठाकर न देखे। 
सददाम  : आप बेफिक्र रहें बादशाह सलामत उसे कोई आँख उठाकर नहीं देखेगा 
ओसामा  : जब ज़रूरत होगी हम बिना देखे उसे हरम में शामिल कर लेंगे। 
अकबर  : ऐं।
अनारकली  : या खुदा। अनारकली की इज्ज़त हर ज़माने में लुटी है और लुटती रहेगी। (गाती है) ऐ मेरे मुश्किल कुशा, फरियाद है फरियाद है। आपके होते हुए दुनिया मेरी बरबाद है। 

(सद्दाम उसकी तरफ बढ़ता है लेकिन ओसामा उसका हाथ पकड़ लेता है।)

ओसामा  : उसकी तरफ मत देखो। हमने बादशाह अकबर से वादा किया है कि उसकी तरफ आँख उठाकर न देखेंगे। 
सद्दाम  : लेकिन उसकी दुनिया जो बरबाद हो रही है उसका क्या होगा? एक काम करते हैं। 
ओसामा  : क्या? 
सद्दाम  : हम लोग पहाड़ पर चढ़ जाते हें और फिर उसे आँख झुकाकर देखते हैं। 
(इस बार ओसामा बिना कुछ बोले उसका हाथ पकड़ता है और बाहर निकल जाता है। फिर बादशाह अकबर अनारकली का हाथ पकड़ता है और बाहर निकल जाता है।)

Saturday, July 2, 2011

ड्रामा द ग्रेट डिक्टेटर्स - (Part - 5)


(हिटलर स्टेज पर दाखिल होता है, फिर उसका हाथ पकड़े जार्ज बुश, फिर उसका हाथ थामे ओसामा, ओसामा का हाथ थामे सद्दाम, और सद्दाम का हाथ थामे बादशाह अकबर स्टेज पर दाखिल होते हैं।)

हिटलर  : हम लोग बार बार इस दुनिया को कैच करने की कोशिश करते हैं लेकिन यह कमबख्त हमारे हाथ से हमेशा मछली की तरह फिसल जाती है। लेकिन अब हम कामयाब होकर रहेंगे। क्योंकि आज दुनिया के सारे डिक्टेटर एकता की डोर में बंध् चुके हैं। 
(इस बीच जैक्सन और डा0सायनाइड भी वहां पहुंच चुके हैं और इस ग्रुप के पीछे जाकर चुपचाप खड़े हो गये है।)

अकबर  : अभी हमें ये महल कुछ सूना सूना लग रहा है। लगता है यहां कुछ डिक्टेटरों की कमी है। 
हिटलर  : अभी यहां मिस्र की शहज़ादी क्लियोपेट्रा भी आने वाली है। वह अभी अपने सपोर्ट में एसएमएस इकट्‌ठा कर रही है। 
(क्लियोपेट्रा दाखिल होती है।)
क्लियोपेट्रा : मैंने हिन्दुस्तानी लोगों से वोटिंग करा ली। 
हिटलर  : तो फिर बताओ क्या नतीजा निकला। 
क्लियोपेट्रा : अफसोस कि वह नतीजा हमारे किसी काम का नहीं। हिन्दुस्तानी लोगों ने न तो जर्मन शेफर्ड को वोट दिया और न ही अलसेशियन को । 
हिटलर  : फिर उन्होंने किसको वोट दिया? 
क्लियोपेट्रा  : उन्होंने ब्रिटिश बुलडाग को पसंद किया है। 
हिटलर  : अंग्रेज़ चले गये लेकिन मेंटैलिटी छोड़ गये। इन इण्डियन्स का कुछ नहीं हो सकता। अंग्रेज अगर फेयर एण्ड लवली की शीशी में अपनी टट्‌टी भरकर इण्डिया भेज दें तो ये गधे शौक से उसे अपने चेहरे पर मल लेंगे।

जार्ज बुश  : फालतू बातें किनारे करो। और दुनिया पर कब्ज़े की प्लानिंग करो। हमें देर नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हमारी उम्र गुज़रती जा रही है। इससे पहले कि हम ज़मीन के नीचे पहुंच जायें हमें सारी ज़मीनों को अपने कब्ज़े में ले लेना चाहिए। 
(उसी वक्त मि0कन्फ्यूज़ भी वहां पहुंच जाता है। और एक कोने में जाकर खड़ा हो जाता है।)
क्लियोपेट्रा  : दुनिया पर कब्ज़े से पहले हमें ये देखना होगा कि हमारे पास क्या क्या है?
जार्ज बुश : मेरे पास मिसाईलें हैं। 
हिटलर : मेरे पास मस्टर्ड गैस है।
ओसामा : मेरे पास हयूमन बम हैं। 
सद्दाम : मेरे पास अंकल के दिये हुए सारे हथियार हैं। (अकबर की तरफ देखकर) बादशाह सलामत, आपके पास क्या है,
अकबर : मेरे पास मिस्त्री हैं इंसान को दीवार में चुनने वाले मिस्त्री।
जार्ज बुश : बादशाह सलामत आउटडेटेड है। इसे किनारे करो।
अकबर : ठीक है। जब तुम लोग पूरी दुनिया पर कब्ज़ा कर लेना तो गददी पर हमें बिठा देना हुकूमत करने के लिये। तब तक हम जाते हैं अपनी अनारकली के पास। (वह जाता है।)

मि0कन्फ्यूज़ : कुछ मेरे पास भी है। फर्ज़ी एनकाउण्टर स्पेशलिस्ट।
जार्ज बुश  : ये कौन बोला? 
ओसामा  : कोई पागल लगता है। 
जार्ज बुश  : चलो डिक्टेटरों। हमें अब देर नहीं करनी चाहिए। फौरन कर लो दुनिया अपनी मुट्‌ठी में।
मि0कन्फ्यूज़ : इसके लिये तुम लोगों को रिलायन्स के पीसीओ में जाना चाहिए बेवकूफों। 
ओसामा  : (नारा मारता है) ये दुनिया। 
सद्दाम  : हमारी है। 
ओसामा  : हम इसको! 
हिटलर  : बरबाद करेंगे। 
जार्ज बुश  : अबे दिल की बात मत बोल बेवकूफ (नारा लगाता है) हम इसको आबाद करेंगे।

सद्दाम  : (जार्ज बुश से) अंकल, पूरी दुनिया पर कब्ज़ा करने के बाद आप क्या करेंगे? 
जार्ज बुश  : पूरी दुनिया पर कब्ज़े के बाद मैं बहुत बड़ा आलीशान महल बनवाऊंगा। उसमें एक हज़ार मंज़िलें होंगी। 
सददाम  : अच्छा! 
जार्ज बुश  : हर मंज़िल पर हज़ार कमरे होंगे और हर कमरे में एसी लगा होगा। 
सददाम  : और?
जार्ज बुश  : हर मंज़िल पर स्वीमिंग पूल होगा। 
सददाम  : फिर? 
जार्ज बुश  : फिर मैं सबसे ऊपर की मंज़िल पर शानदार सूट बनवाऊंगा, ऐसा सूट कि आजतक किसी अंबानी ने भी ने नहीं बनवाया। 
सददाम  : फिर? 
जार्ज बुश  : फिर उस सूट में दुनिया का सबसे कीमती टायलेट होगा। हीरे मोतियों से जड़ा हुआ। 
सददाम  : फिर? 
जार्ज बुश  : फिर उस टायलेट में दुनिया की सबसे कीमती सीट होगी, गोल्ड और प्लेटिनम की बनी हुई। 
सददाम  : फिर? 
जार्ज बुश  : फिर उस सीट पर मैं बैठूंगा। 
सददाम  : फिर? 
जार्ज बुश  : फिर मैं वहीं करूंगा जो सब करते हैं पीला पीला बदबूदार। नालायक! 
(सददाम फौरन अपनी नाक पर हाथ रख लेता है।)

हिटलर  : (ओसामा से) ओसामा बिन लादेन, ये बता कि मैंने तो सिर्फ यहूदियों को मारने का बीड़ा उठाया था तो मुझे सोसाइड करना पड़ा। तूने पूरी दुनिया को सफा करने का बीड़ा उठाया है तो तुझे क्या करना पड़ेगा?
ओसामा : मुझे एक और शादी करनी पड़ेगी। अनारकली किधर है?
मि0कन्फ्यूज़ : वह सलीम के लिये गवाही दे रही है। मेरे गुजरात में।
जार्ज बुश : अबे कितनी गवाहियां दिलवायेगा अपने गुजरात में। हमें देखो, हम बिना गवाही के अपने दुश्मन को मौत की सज़ा सुना देते हैं।
मि0कन्फ्यूज़ : दरअसल हमारा कण्ट्री लोकतान्त्रिक राज्य है।
जार्ज बुश : तो क्या हमारा कण्ट्री पागलों का राज है?
मि0कन्फ्यूज़  : इसे देखो, पूरी दुनिया को एटम बम के ढेर पर बिठाने बाद पूछता है क्या हमारा कण्ट्री में पागलों का राज है?

जार्ज बुश  : (ज़ोर से) हमारा नारा है, आओ तूफान की तरह, बैठो शेर की तरह और जाओ बादशाह की तरह। 
मि0कन्फ्यूज़ : ये नारा मैंने कहीं लिखा हुआ देखा है। ज़रा एक बार फिर दोहराना। 
(जार्ज बुश फिर से दोहराता है।)
मि0कन्फ्यूज़  : याद आया। ये नारा मैंने टायलेट की दीवार पर लिखा देखा है।

हिटलर  : अब देर मत करो, और फौरन निकलो तुम लोग।

(हिटलर, क्लियोपेट्रा और ओसामा पहले निकलते हैं। फिर मि0कनफ्यूज़ इध्रा उध्रा देखता हुआ उनके पीछे निकल जाता है। अब डा0सायनाइड व जैक्सन पीछे बाकी रह गये है जबकि आगे जार्ज बुश और सद्दाम हैं।)
सद्दाम  : अब आप क्यों खड़े हैं अंकल? आपको क्या चाहिए?
जार्ज बुश  : हमको जूता चाहिए। 
सद्दाम  : जूता??
जार्ज बुश  : (पैर की तरफ इशारा करके) हम नंगे पैर है।
सद्दाम  : आपको कौन से नंबर का जूता चाहिए?
जार्ज बुश  : हमको दस नंबर का जूता सूट करता है। 
सद्दाम  : मैं अभी आपके लिये जूता मंगवाता हूं। (पुकारता है) ज़ैदी ज़ैदी? हमारे अंकल के लिये दस नंबर का जूता लेकर आना।
जार्ज बुश  : रहने दो। हमको ज़ैदी का जूता नहीं चाहिए । हम नंगे पैर ही ठीक है। (वह जल्दी से जाने लगता है।) 
सददाम  : अरे सुनिए तो। (जार्ज बुश जल्दी से निकल जाता है।)

जैक्सन : (आगे आकर) अरे ये सब क्या हो रहा है। अब दुनिया को तबाही से कोई नहीं बचा सकता। डा0सायनाइड सब तुम्हारी वजह से हो रहा है। अब इतिहास की आने वाली नस्लें तुम्हें पानी पी पीकर कोसेंगी।
डा0सायनाइड : इतिहास की नस्लें? अबे, ये इतिहास के बच्चे कब से होने लगे? 
जैक्सन  : कुछ भी हो लेकिन तुमने बहुत बुरा किया। मैं जा रहा हूं पुलिस में तुम्हारे खिलाफ रिपोर्ट लिखाने। वरना आज ये दुनिया खत्म होकर रहेगी। 

(वह जाने के लिये बढ़ता है लेकिन डा0सायनाइड उसे पीछे से खींच लेता है।)

डा0सायनाइड  : अबे रुक घोंचू। तू बेफिक्र रह। इस दुनिया को कुछ नहीं होने वाला। 
जैक्सन  : क्यों नहीं कुछ होने वाला, दुनिया में एक डिक्टेटर पैदा होता है तो पूरी दुनिया पनाह माँगने लगती है। यहाँ तो पूरी की पूरी कबड्‌डी टीम बन चुकी है।
डा0सायनाइड  : अबे, तूने कभी अलग अलग गलियों के कुत्तों को एक साथ मिलकर काम करते देखा है? 
(जैक्सन भौंचक्का होकर नहीं में सर हिलाता है।)
जैक्सन : नहीं।

Friday, July 1, 2011

ड्रामा द ग्रेट डिक्टेटर्स (Part - 4)

हिटलर  : ये कौन मेरा लक़ब चुरा रहा है? इस दुनिया में सिर्फ एक ही डिक्टेटर गुज़रा है और वह मैं हूं। 
डा0सायनाइड  : तुम चाहो तो इससे मोहब्बत कर सकती हो। तब तक मैं अपना एक्सपेरीमेन्ट करता हूं कि दो डिक्टेटरों के मिलने पर क्या इफेक्ट पैदा होता है।

हिटलर  : (क्लियोपेट्रा से) तुम कौन हो? 
क्लियोपेट्रा  : मैं मिस्र की शहज़ादी हूं। 
हिटलर  : क्या चाहती हो? 
क्लियोपेट्रा : मैंने जूलियस सीज़र से मोहब्बत की। फिर एण्टोनी से मोहब्बत की। और अब तुमसे मोहब्बत करना चाहती हूं। 
हिटलर  : मोहब्बत? ये किस बला का नाम है? 
क्लियोपेट्रा : मोहब्बत दुनिया की सबसे खूबसरत शय है। ये फूलों की खुश्बू में होती है। सितारों की रोशनी में होती है। भौंरे की गुनगुन में होती है। हवाओं की सरसराहट में होती है और-- 
हिटलर  : क्या ये तोप के गोले में भी होती है? 
क्लियोपेट्रा : नहीं ये सिर्फ नाज़ुक जज्ब़ातों में होती है। 
हिटलर  : हिटलर को नाजुक जज्ब़ातों में कोई दिलचस्पी नहीं। हमें सिर्फ गन पाउडर में दिलचस्पी है।
क्लियोपेट्रा : काश कि तुम्हें लिपिस्टिक पाउडर में दिलचस्पी होती तो तारीख में किसी आलमी जंग का नाम न होता। क्या मेरे जैसी खूबसूरत औरत को देखकर तुम्हारे दिल में कुछ नहीं आता? 
हिटलर  : हमारे पास जो भी आता है हम उसको फौरन गोली मार देते हैं।
क्लियोपेट्रा हाय। ये दुनिया के सारे डिक्टेटर सनकी क्यों होते हैं?

(उसी वक्त जैक्सन डाक्टर को पुकारता हुआ अन्दर आता है।)

जैक्सन  : डाक्टर -डाक्टर सायनाइड! 
(हिटलर को देखकर ठिठक जाता है।)
जैक्सन  : अरे बाप रे, ये मरदूद अभी तक यहां मौजूद है। मैं जाता हूं वापस। 
(वह जाने के लिये मुड़ता है उसी वक्त हिटलर पुकारता है।)

हिटलर  : रुको। 
(जैक्सन के चेहरे पर हवाईयां उड़ने लगती है।)
जैक्सन  : जल तू जलाल तू आई बला को टाल तू। (कई बार दोहराता है।)
हिटलर  : इधर आओ। 
(जैक्सन अपना वज़ीफा रटते हुए उसकी तरफ आता है।)

हिटलर  : सुनो, इस बला को हमारे पास से हटा दो। (क्लियोपेट्रा की तरफ इशारा करके।) वरना मैं पागल होकर बंदूक़ की नाल अपने मुंह में ठूंस लूंगा। 
क्लियोपेट्रा  : (गुस्से से) क्या! मेरे जैसी खूबसूरत, हसीना, नाज़नीन को तुम बला कह रहे हो? अब तो मैंने ठान लिया है कि तुमको मोहब्बत का सबक सिखाकर रहूंगी। 
हिटलर  : ओ यार मैं किस मुसीबत में फंस गया। तुम ज़रूर कोई यहूदी लड़की हो। सारे यहूदी गंदी नस्ल वाले दूसरों को अपनी मीठी बातों के जाल में फंसाने में माहिर होते हैं। 
क्लियोपेट्रा  : गुस्से में मैं मिस्र की शहज़ादी हूं। और मेरी नस्ल तुमसे बेहतर है। 
हिटलर  : इम्पासिबिल, मेरी आर्य नस्ल दुनिया की बेस्ट नस्ल है। 
क्लियोपेट्रा  : चलो फिर टेस्ट करते हैं। 
हिटलर  : कैसा टेस्ट? 

क्लियोपेट्रा  : हम दोनों पब्लिक के बीच वोटिंग कराते हैं कि जर्मन शेफर्ड और अलसेशियन में कौन सी कुत्तों की नस्ल अच्छी होती है। अगर पब्लिक ने जर्मन शेफर्ड को ज्यादा वोट दिये तो हम तुमको बेस्ट मान लेंगे। 
हिटलर  : ठीक है। अगर पब्लिक ने अलसेशियन को ज्यादा वोट दिया तो हम तुमको बेस्ट मान लेंगे। लेकिन पब्लिक कहां की ली जाये? 
क्लियोपेट्रा  : हिन्दुस्तान की पब्लिक वोट देने में माहिर है। चलो उसी से वोटिंग कराते हैं। 
हिटलर : ठीक है चलो। दोनों एक दूसरे का हाथ पकड़कर बाहर निकल जाते हैं।

डा0सायनाइड : अब मेरे पास बची है ये आखिरी टोपी। देखूं इसको पहनने वाला क्या बनता है। 
जैक्सन  : डाक्टर, सारे डिक्टेटर्स तो तुम पहले ही पैदा कर चुके हो। अब कौन बाक़ी है? 
डा0सायनाइड  : दुनिया में डिक्टेटरों की कमी है क्या। एक ढूंढो हज़ार मिलते हैं। 
(वह नीचे गिरे आखिरी लड़के को टोपी पहनाता है। और वह लड़का उठकर बैठ जाता है। थोड़ी देर सर पर हाथ रखकर कुछ सोचता है और फिर वहीं गोल गोल घूमने लगता है।) 

जैक्सन  : हांयें। इसे क्या हुआ? 
डा0जैक्सन  : ये तो इसी से पूछना पड़ेगा। 
जैक्सन  : (उसके घूमने के बीच में आकर) भाई, तुम कौन हो? 
लड़का  : मैं, नरेन्द्र मोदी हूं। नहीं, मैं बाल ठाकरे हूं। नहीं, मैं राज ठाकरे हूं। नहीं मैं स्वामी असीमानन्द-----।  मैं, मैं कौन हूं? वह अपने सर को इस तरह थाम लाता है मानो उसका सर चकरा रहा हो। 
जैक्सन  : डाक्टर, इसे क्या हुआ? 

डा0सायनाइड  : जब मैं इसकी टोपी बना रहा था तो मशीन में कुछ गड़बड़ हो गयी थी। इस टोपी में बहुत सी मेमोरीज़ एक साथ भर गयी हैं। फिर भी यह हमारे काम का है। 
जैक्सन  : फिर तो हमें इसको मिस्टर कन्फ्यूज़ कहना चाहिए। मि0कन्फ्यूज़, आप इस दुनिया में क्यों आये हैं?
मि0कन्फ्यूज़  : सब लोग बम बरसाते हैं, मैं भी सबके ऊपर बम बरसाऊंगा। सब दंगा करते हैं मैं भी दंगा करूंगा। सारे कण्ट्री बिना पासपोर्ट के अपने अन्दर घुसने पर रोक लगाये हैं मैं भी अपने महाराष्ट्र में सबके घुसने पर रोक लगा रहा हूं। मक्का में कोई हिन्दू दाखिल नहीं हो सकता। इसलिए हमारे गुजरात में कोई मुस्लिम दाखिल नहीं होगा। 
जैक्सन  : लेकिन ये सब आप क्यों करना चाहते हैं मि0कन्फ्यूज़?
मि0कन्फ्यूज़  : बताया तो कि सब करते हैं इसलिए मैं कर रहा हूं।
जैक्सन  : मि0कन्फ्यूज़। इस दुनिया में हर एक का कुछ करने के लिये मक़सद है। कोई दुनिया का दादा बनना चाहता है, कोई अपनी नस्ल को बेस्ट साबित करना चाहता है। कोई बहत्तर हूरें पाना चाहता है तो कोई एक हूर को अपने बेटे की नज़र से बचाने के लिये दीवार में चुनवाना चाहता है। आखिर तुम्हारा मक़सद क्या है? 

मि0कन्फ्यूज़  : हमारा मकसद (थोड़ी देर सोचने के बाद) हमारा मकसद पूरी दुनिया में हिन्दुत्व को फैलाना है। 
डा0सायनाइड  : कौन सा हिन्दुत्व? भगवान श्रीराम जी वाला या भगवान श्री कृष्ण जी वाला या भगवान महादेव जी वाला या देवी दुर्गा माता वाला?
मि0कन्फ्यूज़ : हम हर प्रकार के हिन्दुत्व का मिला जुला रूप दुनिया में फैलाना चाहते हैं। 
जैक्सन  : भगवान श्रीराम जी के एक ही पत्नी थी और भगवान श्रीकृष्ण जी के कई पत्नियां थीं। तुम कौन सा रूप फैलाना चाहते हो? 
मि0कन्फ्यूज़  : मैं दूसरों के लिये भगवान श्रीराम जी का रूप फैलाऊंगा और अपने लिये भगवान श्रीकृष्ण जी का रूप धारण करूंगा।
डा0सायनाइड  : लेकिन ये काम तो बम ब्लास्ट और दंगों के बगैर भी किया जा सकता है। क्या ज़रूरी है हर बात पत्थर मारकर कही जाये?    

मि0कन्फ्यूज़ : हम बम ब्लास्ट करके शांति स्थापित करना चाहते हैं। हम घर जलाकर लोगों को सुकून देना चाहते हैं। हम पत्थर फेंककर मनुष्य को सभ्य बनाना चाहते हैं।
डा0सायनाइड  : (जैक्सन से) यार तुमने इसका नाम मि0कन्फ्यूज़ रखकर सही किया। 
जैक्सन  : अरे ओ लीचड़, यही चाहत तो अलकायदा और तालिबान वाले भी बयान कर रहे हैं। वह भी बम ब्लास्ट करके दुनिया में शांति लाना चाहते हैं। 
मि0कन्फ्यूज़  : वो लोग आतंकवादी हैं। वो केवल अपने मान्यता वालों को छोड़कर पूरी दुनिया को मिटा देना चाहते हैं। 
डा0सायनाइड  : तुम्हारे इरादे भी तो यही लग रहे हैं। हिन्दुत्व वादियों को छोड़कर पूरी दुनिया समाप्त हो जाये। 
मि0कन्फ्यूज़  : हिन्दुत्व एक जीवन पद्धति का नाम है। जिसमें हर धर्म और हर मान्यता के लिये स्थान है। 
जैक्सन  : हांयें। ये हिन्दुत्व तो पहले ही दुनिया में फैला हुआ है। क्योंकि दुनिया में हर धर्म और हर मान्यता के लिये स्थान है। 

मि0कन्फ्यूज़  : (थोड़ी देर सोचने के बाद) मैं जो कुछ कर रहा हूं, अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये कर रहा हूं।
जैक्सन  : आप अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये क्या क्या कर रहे हैं। 
मि0कन्फ्यूज़  : अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये, हम देश के सारे मुसलमानों को दंगे और बम ब्लास्ट में मार देंगे। हम देश के सारे ईसाईयों को ज़िन्दा जला देंगे। हम देश के सारे सेक्यूलर हिन्दुओं को पत्थर मार मारकर भगा देंगे और उत्तर भारतीयों का महाराष्ट्र में आना वर्जित कर देंगे।
जैक्सन  : उसके बाद बचेगा क्या भारत में - कद्दू? डाक्टर सायनाइड, ये तुमने इसे कौन सी टोपी पकड़ा दी जिसको पहनकर ये पागल हो गया है। 
डा0सायनाइड  : ये टोपी का नही, उसमें भरी हुई मेमोरी का कुसूर है। सुनो, हमें इसपर ज्यादा टाइम वेस्ट नहीं करना चाहिए और चलकर बड़े डिक्टेटर्स की खबर लेनी चाहिए। अगर वे सब आपस में मिल गये तो दुनिया के लिये खतरा बन सकते हैं।
(वह जैक्सन का हाथ पकड़कर वहां से निकल जाता है जबकि मि0कन्फ्यूज़ सर खुजलाता हुआ वहीं खड़ा है।)

Wednesday, June 29, 2011

ड्रामा द ग्रेट डिक्टेटर्स (Part - 3)


जार्ज बुश  : एक्सक्यूज़ मी। मुझे यहाँ से केमिकल की बू आ रही है। क्या यहाँ पर कोई केमिकल हथियार है? 

सददाम  : आपकी नाक तो बहुत तेज़ है। अभी तो केमिकल हथियार बना ही नहीं और आपकी नाक ने उसे सूंघ लिया। 
जार्ज बुश  : ये अमरीका की नाक है जो जार्ज बुश यानि कि हमारे चेहरे पर जमी है। 
सद्दाम  : अंकल जार्ज बुश। आप कहां थे? ईरान से लड़ने के लिये हमें आपके हथियार चाहिए। हम बहुत देर से आपका इंतिज़ार कर रहे थे?
जार्ज बुश : हम एक टेररिस्ट को बहुत देर से ढूंढ रहे हैं जिसने हमारी नाक में दम कर रखा है। उसका नाम है ओसामा बिन लादेन। 
सद्दाम  : वह हमारे इराक में हरगिज़ नहीं है। 
जार्ज बुश  : वह वहीं होगा जहां हम चाहेंगे। हम जिस कण्ट्री को सुधारना चाहते हैं वहां ओसामा को छुपा दिखा देते हैं।

डा0सायनाइड : एक्सक्यूज़ मी, सुधारना चाहते हैं या बरबाद करना। क्योंकि आप जहां भी ओसामा को ढूंढते हो वह कण्ट्री बरबाद हो जाता है। 
जार्ज बुश  : ये बात तो मेरी भी आज तक समझ में नहीं आयी कि मैं जिस कण्ट्री को सुधारने चलता हूं वह बरबाद क्यों हो जाता है। अच्छा हुआ हमने अमरीका को सुधारने की नहीं सोची। 
सददाम  : अंकल ओसामा को आप चाहे पूरी दुनिया में ढूंढो। लेकिन ईराक में मत ढूंढना। वह यहां नहीं है। 
जार्ज बुश  : इसका मतलब वह यहीं है। बता तूने ओसामा को कहां छुपा रखा है? उसे ढूंढते ढूंढते हमारे रिटायरमेन्ट का टाइम आ गया। 

(अब तक डा0सायनाइड एक और लड़के को टोपी पहना चुका है।  यह लड़का ओसामा का रोल करने वाला है।)

ओसामा  : (वहीं लेटे लेटे) अबे क्यों नाटक कर रहा है मेरे ढूंढने का । मैं तो तेरे बेडरूम में बैठा हुआ हूं। और तू पूरी दुनिया में मुझे ढूंढता फिर रहा है।
जार्ज बुश : अभी अभी मुझे ओसामा की आवाज़ आयी थी। वह ज़रूर यहीं है। लगता है तूने उसे अपने बेडरूम में छुपा रखा है। 
सद्दाम  : (हाथ जोड़कर) खुदा के लिये मेरे बेडरूम को बख्श दो। एक वही जगह है जहां तुम्हारी कोई मिसाईल अब तक नहीं गिरी हैं।
जार्ज बुश  : हमारी मिसाईल तुम्हारे बेडरूम में काम ही नहीं करती। वहां सिर्फ तुम्हारी मिसाईल काम करती है। भतीजे अब सीधे सीधे ओसामा का पता बता दे वरना हम तुम्हें गड्‌ढे से निकालकर फिर से उसी गड्‌ढे में दफन कर देंगे। नालायक।

(ओसामा उठकर बैठ चुका है।)

सददाम : अंकल, मैंने अमरीका के हथियार खाये हैं।
जार्ज बुश : अब हमारी गोलियां खा। आई मीन हमारी मिसाईलें खा। 
सद्दाम  : आप मेरे ऊपर मिसाइल क्यों दागना चाहते हैं? मैं तो आपका चहेता भतीजा हूं। 
जार्ज बुश  : हम हमेशा अपने फायदे के लिये रिश्ता बनाते हैं और अपने फायदे के लिये तोड़ देते हैं। 
सददाम  : आप हमें दोबारा भतीजा बनाने का क्या लेंगे अंकल? 
जार्ज बुश  : तेल। हमारे फादर सीनियर बुश तेली हैं। हमें उनके लिए तुम्हारा तेल चाहिए। 
सददाम  : हमारे कण्ट्री का पूरा तेल तो आपने पहले ही निकाल लिया जनाब। सुबह मेरे सर में थोड़ा तेल मेरी अम्मा ने लगाया था। वही ले लीजिए अंकल। 

जार्ज बुश  : हमारे सामने आकर अच्छे अच्छों को नानी याद आ जाती है और तुम्हें सिर्फ अम्मा याद आयी? तेल तुम दो या न दो, वो तो हम निकाल लेंगे। 
(उसी वक्त ओसामा बना लड़का उछलकर उसके सामने आ जाता है।)

ओसामा  : सद्दाम इस कुत्ते को तेल हरगिज़ न देना वरना ये उसे अपने लठ पर लगाकर हमारी मरम्मत कर देगा। 
जार्ज बुश  : ओसामा बिन लादेन तू। हमने तो तुझे एबटाबाद में छोड़ा था। बिना मेरी इजाज़त तू यहां आया कैसे! क्या तुझे हमसे डर नहीं लगता?
ओसामा : (डा0सायनाइड की तरफ पलटकर) इसे देखो ये मुझे डरा रहा है। हो हो हो। अरे मैं किसी से नहीं डरता। 
डा0सायनाइड  : अच्छा। 
ओसामा : हां। सुनो। तुम शायद जवाहिरी के बेटे हो। क्योंकि तुम्हारी शक्ल उससे मिलती है।
डा0सायनाइड  : हांयें। 
ओसामा  : मेरी बात गौर से सुनो। एबटाबाद जाना और मेरे लिये हर हफ्ते घर बदल देना। वैसे मैं किसी से नहीं डरता। घर के अन्दर चिड़िया, छिपकली, चूहा कोई भी दिखे फौरन गोली मार देना। ये अमरीका वालों का कोई भरोसा नहीं कब किससे जासूसी करवा दें। वैसे मैं किसी से नहीं डरता। ये कूरियर वाला जब भी आये एक एक लेटर पूरी तरह चेक करके मेरे पास लाना। उसमें कोई सैटेलाइट कैमरा छिपा हो सकता है। वैसे मैं किसी से नहीं डरता।

जार्ज बुश  : (सद्दाम से) हां तो तुम बोलो। हमको तेल देगा या नहीं?
सद्दाम  : बदले में हमें क्या मिलेगा अंकल?
जार्ज बुश  : बदले में हम तुम्हारे कुएं में आग नहीं लगायेगा।
ओसामा  : तुम्हारे जैसा पागल डिक्टेटर न कभी हुआ है और न होगा।
जार्ज बुश  : गलत। हमारे कण्ट्री ने तो पागल डिक्टेटर पैदा करने में रिकार्ड बनाया है। और इसकी शुरूआत हमारे लक्कड़दादा हैरी ट्रूमैन से होती है। उसने जापान पर एटम बम गिराकर ढाई लाख पब्लिक को एक ही बार में ऊपर पहुंचा दिया था। अरे वह तो इतना कमीना था कि उसकी लगाई इज़्राइल की आग आज तक दुनिया बुझा नहीं पायी है।

ओसामा  : हैरी ट्रूमैन, कुत्ते! किधर है तू। कमीने मैं तुम्हारा खून पी जाऊंगा। हमारे सुसाइड बाम्बर बम ब्लास्टिंग में तेरे चिथड़े चिथड़े उड़ा देगे।
सद्दाम  : खामोश हो जाओ ओसामा। वह तो गया वहां। (आसमान की तरफ इशारा करके) अब फरिश्ते उसके चिथड़े उड़ा रहे हैं। 
जार्ज बुश  : ऐसा हरगिज़ नहीं। वहां बहत्तर हूरें उसके मसाज कर रही हैं। 
ओसामा  : बहत्तर हूरें सिर्फ हम लोगों के लिये रिज़र्व हैं। बाकियों के लिये जहन्नुम की चुड़ैलें हैं। या अल्लाह, तुम लोग उस जीसस को मानने वाले हो जिसने कहा था कि अगर कोई तुम्हारे एक गाल पर थप्पड़ मारे तो तुम दूसरा गाल भी बढ़ा दो। और तुम लोग एटम बम और मिसाईलों से लोगों को ऊपर पहुंचाते चले जा रहे हो। और पलट कर गिनते भी नहीं।
जार्ज बुश  : तुम्हारे इस्लाम में भी तो सोसाइड करना हराम है। फिर क्यों अपने बच्चों को सुसाइड बाम्बर बनाता चला जा रहा है? कमबख्तों, इस्लाम क्या था और तुम लोगों ने उसे क्या बना दिया। मस्जिदें इबादत के लिये थीं तुमने उन्हें हथियार रखने के अड्‌डे बना दिये। मस्जिदों के सफेद संगमरमर के फर्श तुमने खून से रंगीन कर दिये। कुरआन कहता है कि एक बेगुनाह का क़त्ल पूरी इंसानियत को क़त्ल करने के बराबर है और तुमने तो एक एक ब्लास्ट में सैंकड़ों का सफाया कर दिया। आखिर कौन सा कुरआन पढ़ते हो तुम लोग और रसूल की कौन सी हदीसें दोहराते हो। 

ओसामा  : सुनो, ये अन्दर की बात है। हमने तो आजतक कुरआन पढ़ा ही नहीं।
जार्ज बुश  : सुनो, किसी से कहना नहीं? मैंने भी आजतक बाईबिल को पलट कर नहीं देखा।  
सददाम  : सच्ची बात तो ये है कि हम सब एक ही नाली के कीड़े मकोड़े हैं। इसलिए आओ, पुरानी बातें भुलाकर फिर से हाथ मिला लें। 
(तीनों एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं।)
जार्ज बुश  : चूंकि अब हम लोग एक हो चुके हैं इसलिए आओ अब आगे की प्लानिंग करते हैं। 
ओसामा  : कैसी प्लानिंग?
जार्ज बुश  : इस दुनिया पर कब्ज़े की प्लानिंग। आओ हम लोग कहीं अकेले में चलकर गुफ्तगू करते हैं। 

(वह तीनों वहां से चले जाते हैं।)

डा0सायनाइड  : ऊपर वाले ने इंसान को ज़मीन पर खलीफा बनाया तो वह कुछ ज्यादा ही खलीफागीरी करने लगा। हाय ये दुनिया। अब देखूं मेरी ये क्लियोपेट्रा की टोपी क्या गुल खिलाती है। 
(वह आगे बढ़कर टोपी लड़की को पहना देता है। थोड़ी देर बाद लड़की उठ खड़ी होती है। और किसी पश्चिमी पुरानी धुन में अलाप लेने लगती है। डा0सायनाइड अपने कानों पर हाथ रख लेता है। और बुरे बुरे से मुंह बनाने लगता है।)
क्लियोपेट्रा मैं क्लियोपेट्रा, मिस्र की शहज़ादी। ये किसने मुझे मेरे पिरामिड से बुलाया? मैं तो वहां ममी बनी हुई सो रही थी। 
डा0सायनाइड  : ये कारनामा मैंने अंजाम दिया है क्लियोपेट्रा। 
क्लियोपेट्रा  : क्या तुमने जूलियस सीज़र को भी बुलाया है? 
डा0सायनाइड  : नहीं। उसकी टोपी बनाना मैं भूल गया। 
क्लियोपेट्रा : उफ! ये तुमने क्या किया। अब मैं मोहब्बत किससे करूंगी?
डा0सायनाइड  : क्या मोहब्बत करना ज़रूरी है? 
क्लियोपेट्रा  : जिस तरह बम और मिसाइल मर्दों के हथियार होते हैं उसी तरह मोहब्बत औरतों का हथियार होती है। अगर मुझे कोई मोहब्बत करने वाला न मिला तो मैं दुनिया पर राज कैसे करूंगी? 
डा0सायनाइड  : यानि कि तुम्हारा मकसद भी दुनिया पर राज करना है। 
क्लियोपेट्रा  : नहीं। बल्कि राजाओं के दिमाग़ पर राज करना है। 
डा0सायनाइड  : यानि कि तुम लेडीज़ डिक्टेटर हो। 
क्लियोपेट्रा  : हां तुम मुझे डिक्टेटर कह सकते हो। 
(उसी वक्त वहां हिटलर दाखिल होता है।)
.....continued

Tuesday, June 28, 2011

ड्रामा द ग्रेट डिक्टेटर्स (Part - 2)


अकबर  : (पूरी तरह उठने के बाद पुकार लगाता है।) बाअदब बामुलाहिज़ा होशियार! शहनशाहे वक्त, बादशाहे हिन्दअस्त दीने इलाही के सरपरस्त जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर तशरीफ ला रहे हैं। 

डा0सायनाइड : लगता है मैंने गलती से बादशाह अकबर की बजाय उसके चोबदार की टोपी बना दी। 
जैक्सन  : (अकबर के पास जाकर) जनाब क्या आप बादशाह अकबर के चोबदार हैं? 
अकबर  : खामोश गुस्ताख। मरदूद, हमें चोबदार कहता है। हम तुझे हाथी के नीचे कुचलवा देंगे। वैसे तू पहले ही कुचला हुआ मालूम हो रहा है। 
जैक्सन  : (हाथ जोड़कर) हमें माफ कर दीजिए जनाब। 

अकबर  : हम ही बादशाह अकबर हैं। इस वक्त हमें अपने आसपास कोई चोबदार और नौकर दिखाई न दिया इसलिए हमने खुद ही अपने लिए आवाज़ लगा ली। 
जैक्सन  : बादशाह सलामत। क्या आप मुझे अपना नौकर बनाना पसंद करेंगे? 
अकबर  : नहीं हम सिर्फ अनारकली को पसंद करेंगे। किधर है अनारकली? लगता है वह सलीम के साथ बैठी अनार खा रही है। 

(इधर उधर देखता है।)

जैक्सन  : बादशाह सलामत। उसे तो आपने दीवार में चुनवा दिया था। 
अकबर  : दरअसल हमारे फाइनेन्स मिनिस्टर ने हमारे साथ धोखा किया। उस कमबख्त ने हमारे सगे खून हमारे फरज़न्द सलीम से कमीशन खाकर दीवार में नकली सीमेंट लगवा दी। जो अनारकली ने मुजरा करते करते अपने कूल्हे की ठोकर से तोड़ दी और फरार हो गयी। वैसे हमें तुम्हारी शक्ल कुछ जानी पहचानी लग रही है।
जैक्सन  : फिर आपने उसे क्या सज़ा दी जहांपनाह? 
अकबर  : अफसोस कि हम उसे कोई सज़ा न दे सके। उसने ढेर सारी ब्लैक मनी इकट्‌ठा करके हमारे दुश्मन हेमू के बैंक में जमा कर रखी थी। जब उसका भेद खुला तो वह फरार होकर हेमू के पास चला गया। हमें तुम्हारी शक्ल जानी पहचानी क्यों लग रही है? 
जैक्सन  : लगता है आपने मुझे पहचान लिया बादशाह सलामत। मैं एक बहुत मशहूर डाँसर हूं। 
अकबर  : हाँ। मैंने तुम्हें पहचान लिया। तुम वही मेरे गद्दार फाइनेन्स मिनिस्टर हो। मैं अभी तलवार से तुम्हारी गर्दन धड़ से अलग करता हूं। 

(जैक्सन के चेहरे पर हवाईयों उड़ने लगती हैं।)

अकबर : किधर है मेरी तलवार।
(अपनी कमर पर हाथ डालता है और तलवार खींचता है। लेकिन ये दरअसल उसकी बेल्ट में अड़सा हुआ मोबाइल है। वह मोबाइल खींचता है और इस बीच उसका बटन दबने की वजह से उसमें कोई रिंगटोन बजने लगती है। बादशाह उसे हाथ में लिये काँपने लगता है। और फिर उसे डरकर गिरा देता है।)
अकबर  : बाप रे ये क्या बला है। 
(डा0सायनाइड मोबाइल उठाकर बन्द करता है।) 

डा0सायनाइड  : बादशाह सलामत, ये मोबाइल है। आज के ज़माने का ग्रेट इन्वेन्शन। नौजवान लड़के लड़कियां इससे घण्टों बातें करते हैं और दूर से देखने वाला सोचता है कि बेचारा अच्छी भली सूरत थी और भरी जवानी में पगला गया है। पता नहीं क्या अकेले में बड़बड़ा रहा है। 
अकबर  : अपनी बड़बड़ बन्द करो। मेरे पास तलवार नहीं तो क्या हुआ। मेरी रगों में दौड़ने वाला आधा खून चंगेज़ी है। मैं इस नालायक मन्त्री को अपने बाज़ुओं की ताकत से गला घोंटकर मार डालूंगा। 
(वह आगे बढ़कर जैक्सन की गर्दन पकड़ लेता है।)
जैक्सन  : अरे बचाओ। डाक्टर मुझे इस पागल से बचाओ। 

(उसके मुंह से गला घुटने की आवाज़ आने लगती है। डाक्टर सायनाइड बौखलाकर इधर उधर देखता है और फिर एक टोपी उठाकर नीचे लेटी एक लड़की को पहना देता है। दूसरे ही पल लड़की अनारकली बनकर उठ जाती है और गाना गाने लगती है।)

अनारकली  : प्यार किया तो डरना क्या। जब प्यार किया तो डरना क्या। 

(बादशाह अकबर जैक्सन का गला दबाना छोड़कर अनारकली के गाने में खो जाता है। जैक्सन उसके हाथ से धीरे से अपनी गर्दन छुड़ाता है और दबे पाँव बाहर निकल जाता है। वह थोड़ी देर गाने के बाद खामोश हो जाती है।)

अकबर  : लड़की तुम्हारे गाने ने हमें तुम्हारे इश्क में डुबो दिया है और हम बाहर निकलने के लिये हाथ पाँव चला रहे हैं।  
अनारकली  : जहांपनाह। हमें भी आपसे ज़बरदस्त इश्क हो गया है। 
डा0सायनाइड  : अरे आप लोग ये क्या गज़ब कर रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो इतिहास ही बदल जायेगा। 
अकबर  : (उसे घूरकर) भला मेरे इस नाज़नीन के साथ इश्क करने से इतिहास कैसे बदल जायेगा कबूतर? 
डा0सायनाइड  : इसलिए क्योंकि ये अनारकली है। जिसने आपके साहबज़ादे के साथ इश्क किया था। 
अनारकली  : पुरानी बातों को भूल जाईए। सलीम से इश्क करना हमारी भूल थी। अब मेरी अकल में आ गया है कि इश्क हमेशा बादशाह से करना चाहिए उसकी औलाद से नही। 
डा0सायनाइड  : ये अकल आपको आई कैसे? 
अनारकली  : बादशाह से इश्क करने में रानी बनना यकीनी होता है जबकि उसकी औलाद से मोहब्बत करने में कभी कभी दीवार में चुन जाना पड़ता है। बादशाह सलामत आज से अनारकली सलीम को छोड़कर आपकी हो गयी।
अकबर  : अफसोस अनारकली। तुमने एक सही फैसला बहुत देर में लिया। अब हम बुड्‌ढ़े हो गये हैं।
डा0सायनाइड  : (पब्लिक की तरफ आकर) लगता है दोनों ही सठिया गये हैं।
अनारकली  : जहांपनाह। आप फौरन हमें अपने निकाह में ले लीजिए। जब बादशाह बुड्‌ढा हो जाता है तो हुकूमत उसकी बेगम संभालती है।
अकबर  : जब हम जवान थे तब भी हुकूमत हमारी बेगम ही संभालती थीं। परदे के पीछे से। और लोग समझते थे कि हुकूमत हम कर रहे हैं। 

डा0सायनाइड  : यानि असली डिक्टेटर कोई और था। हर घर में एक ही कहानी चलती है। मुझे ये बात पहले ही मालूम थी। इसीलिए मैंने डिक्टेटरों की टोपी बनाते बनाते अनारकली की टोपी भी बना ली। याद आया, मुझे अभी और लोगों को भी टोपियां पहनानी हैं। 

(वह मेज़ पर से टोपी उठाकर दूसरे लड़के को पहनाने चलता है। इधर अनारकली बादशाह अकबर को बाहों में लेकर गाना गा रही है।)

अनारकली  : (गा रही है।) हमें काश तुमसे मोहब्बत न होती। कहानी हमारी हक़ीक़त न होती।
(इस बीच दूसरा लड़का उठ कर खड़ा हो रहा है। ये सद्दाम का रोल करने वाला है।)
सद्दाम  : ये कौन यहां पर कहानी बयान कर रहा है? क्या ये मेरी फांसी की कहानी है?
अकबर  : ये कौन मरीज़े जज्ज़ाम हमारी मोहब्बत की कहानी में तेल डाल रहा है। 
सद्दाम  : मैं मरीज़े जज्ज़ाम नहीं सददाम हूं। सद्दाम हुसैन।
अनारकली  : आप किस आसमान से टपके हैं जनाब?
सद्दाम  : मैं आसमान से नहीं टपका, मैं तो ज़मीन के गडढे से निकला हूं। आप बतायें, क्या ये कबूतर आपको परेशान कर रहा है?
अकबर  : गुस्ताख हमें कबूतर बोलता है। हम तुम्हें हाथी के नीचे कुचलवा देंगे।
अनारकली  : जहाँपनाह, इसका वज़न तो देखिए। ये उल्टा हाथी को ही कुचल देगा। (सद्दाम से) लेकिन आप तो कह रहे थे कि आपको फांसी हो गयी। फिर आप जिन्दा कैसे हैं? 
सद्दाम  : फांसी मेरे डुप्लीकेट को हुई थी। ईराक़ में अभी भी मेरे बहुत से डुप्लीकेट घूम रहे हैं।

(उधर डा0सायनाइड मेज़ के पास खड़ा हुआ एक एक टोपी उठाकर देख रहा है।)

अकबर  : ये डुप्लीकेट क्या होता है? 
अनारकली  : बादशाह सलामत, डुप्लीकेट का मतलब है डबल रोल। एक जंग के मैदान में पीठ दिखाता है और दूसरा एसी तहखाने में कनीज़ों की पीठ देखता है।
अकबर : क्या हमारा भी कोई डुप्लीकेट है? 
अनारकली  : जी हां। पृथ्वीराज कपूर और रितिक रोशन।
अकबर  : बहुत खूब। माबदौलत खुश हुए। अनारकली, आओ अब हम बिना टेंशन तुम्हारे साथ निकाह पढ़वा सकते हैं। इतिहास में जो भी तूफान आयेगा उसे हमारे डुप्लीकेट झेल लेंगे। अब चाहे जोधा अकबर की बीवी बने या बेटी। हमें कोई परवाह नहीं। हम तो अब अनारकली के हुए।

(वह अनारकली का हाथ पकड़कर जाने लगता है। उधर डा0सायनाइड एक और लड़के को टोपी पहना रहा है। जो जार्ज बुश का रोल करने वाला है।)

सद्दाम  : (पीछे से) रुक जाओ। 
(दोनों ठिठक जाते हैं।)       
सददाम : अनारकली, अकबर को छोड़कर हमारे पास आ जाओ। कसम खुदा की हम तुम्हारे घर को केमिकल हथियारों से भर देंगे। 
अनारकली  : मुझे डाउट है कि तुम सददाम हो या उसके डुप्लीकेट। इसलिए मैं असली अकबर के साथ जा रही हूं। 
(वह अकबर का हाथ पकड़कर बाहर निकल जाती है। सद्दाम एक गहरी साँस लेता है। उसी वक्त पीछे से जार्ज बुश उसके कंधे पर हाथ मारता है।)