Monday, October 6, 2014

एथलीट : कहानी (भाग 4)

जब आर्थर लास एंजिलिस के एयरपोर्ट पर उतरा तो सोच रहा था कि क्या इस केस में चक्कर लगाने पड़ेंगे। क्योंकि लास एंजिलिस से इसकी शुरूआत हुई थी और दो देशों में घूमने के पश्चात फिर वापस आना पड़ा था।

हवाई अडडे से वह सीधे आफिस पहुॅंचा और वहीं उसने टेलीफोन डायरेक्ट्री मंगवा ली। और फिर उसमें बाब द्वारा बताये गये नंबर का पता देखकर उसकी आँखें फटी रह गयीं। यह पता अमेरिका की सबसे बड़ी एनेटामी लैब का था। फिर जब उसने शुरू से आखिर तक की कड़ियाँ मिलायीं तो काफी कुछ साफ हो गया।

‘‘तो इसका मतलब कि इस साजिश के पीछे इसी लैब का कोई साइंटिस्ट है। और कार्ल इसी लैब के प्रयोगों की उपज है। क्योंकि कोई भी इंसान इतनी शक्ति हासिल नहीं कर सकता जितनी कार्ल में थी।"

वह लैबोरेट्री के इंचार्ज मारिस स्टीफन से मिलने चल दिया। मारिस इस समय प्रयोगशाला में मिला।
‘‘आईए मि0 आर्थर।’’ मारिस ने उसे देखकर कहा।
‘‘मि0 मारिस आप मेरा नाम कैसे जानते हैं?’’

‘‘लास एंजिलिस में कौन ऐसा होगा जो तुम्हारा नाम नहीं जानता। बड़े बड़े केस तो तुमने हल किये हैं।’’
‘‘मशहूर तो आप भी बहुत हैं और अमेरिका के चोटी के वैज्ञानिकों में गिने जाते हैं। मैं इस समय एक केस के सम्बन्ध में आया हूँ।’’

‘‘कहिये।’’

‘‘क्या आपको मालूम है कि इस लैबोरेट्री में आपकी नाक के नीचे एक साजिश रची जा रही है और इसका सम्बन्ध मशहूर एथलीट कार्ल जोहान्स से है।’’ आर्थर को विश्वास था कि यह सुनकर मारिस आश्चर्यचकित रह जायेगा लेकिन मारिस पर कोई असर नहीं हुआ। उसने कहा,

‘‘मुझे इस बात की पूरी जानकारी है।’’

अब आश्चर्यचकित होने की बारी आर्थर की थी। उसने कहा, ‘‘फिर आपने इसे रोकने की कोशिश क्यों नहीं की?’’

‘‘इसलिए क्योंकि इस साजिश का कर्ता धर्ता मैं ही हूँ।’’ मारिस ने रहस्योद्घाटन किया।

यह सुनकर आर्थर खड़ा हो गया और अपना रिवाल्वर निकालकर मारिस पर तान दिया, ‘‘अगर ऐसी बात है तो कार्ल के अपहरण की साजिश में मैं तुम्हें गिरफ्तार करता हूँ।’’

‘‘बैठ जाओ आर्थर।’’ मारिस के इत्मिनान में कोई फर्क नहीं पड़ा था, ‘‘जब तुम मोण्टेगामा तक पहुँच गये तो मैं समझ गया था कि उस पर नजर रखकर तुम यहाँ तक जरूर आ जाओगे। वैसे मैं इस समय भी अमेरिका के लिए काम कर रहा हूँ। ये अलग बात है कि खुद अमेरिका को इस बारे में जानकारी नहीं।’’

‘‘लेकिन कार्ल के अपहरण से अमेरिका को क्या फायदा होगा?इसमें उसकी बदनामी हो रही है।’’ आर्थर फिर बैठ गया था लेकिन रिवाल्वर मारिस की तरफ उठा रहने दिया।

‘‘यह बदनामी तो केवल कुछ दिनों की है। लेकिन हम जो प्रयोग कर रहे हैं वह कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। और यह प्रयोग हम ऐसी संस्था के लिये कर रहे हैं जो अमेरिका की भलाई चाहती है।’’

‘‘कैसा प्रयोग? कैसी संस्था?’’

‘‘फिलहाल मैं उस संस्था का नाम नहीं बता सकता। लेकिन ये ज़रूर बता सकता हूँ कि इस समय मेरी हैसियत क्या है और मोण्टेगामा कौन है?हम लोग एक ऐसी खुफिया एजेंसी के सदस्य हैं जो गुप्त रूप से ऐसे काम करती है जिससे भविष्य में देश को फायदा हो सकता है। लेकिन वर्तमान में चूंकि कानूनी तौर पर ये गलत है अतः हम इसे ज़ाहिर नहीं कर सकते, जब तक कि हमारा एक्सपेरीमेन्ट कामयाब न हो जाये। मोन्टेगामा भी हमारी एजेंसी का एक मेम्बर है और तुम्हारा सीआईए का चीफ भी। मैं जानता हूं कि तुम सीआईए एजेंट हो।’’

आर्थर को यह सुनकर हैरत का एक झटका लगा। क्योंकि केवल ऊँची रैंक के अफसर जानते थे कि वह सीआईए का एजेन्ट है और मोन्टेगामा के बारे में तो वह सोच भी नहीं सकता था कि वह सी आई ए का एजेन्ट हो सकता है। और उसका चीफ ऐसी कानून तोड़ने वाली संस्था का मेम्बर?

‘‘शायद तुम्हें मेरी बात पर विश्वास नहीं हो रहा है।’’ कहते हुए मारिस ने फोन पर एक नंबर मिलाया। कुछ देर बाद जब फोन मिल गया तो उसने फोन पर कहा, ‘‘हलो मि0 चीफ। इस समय तुम्हारा एक मातहत एल.ए.23 मेरे सामने बैठा है। उसे मेरे बारे में बता दो।’’ कहकर उसने रिसीवर आर्थर की तरफ बढ़ा दिया, ‘‘लो अपने चीफ से बात करो।’’

‘‘आर्थर!’’ रिसीवर पर आवाज उभरी और आर्थर तुरंत पहचान गया कि यह उसका चीफ है, ‘‘मारिस की हर तरह से मदद करो।’’

‘‘यस सर।’’ आर्थर ने जवाब में कहा और रिवाल्वर वापस होलेस्टर में रख लिया।

‘‘मोन्टेगामा ने तुम्हें बताया होगा कि उसने पन्द्रह साल पहले कार्ल को खरीदा था। तुम्हें यह भी मालूम हो गया होगा कि पन्द्रह साल पहले वह काफी गरीब था।’’ 

‘‘हाँ! और मेरे दिमाग में यह सवाल उभरा था कि एक गरीब व्यक्ति ने किसी लड़के को क्यों और कैसे खरीदा।’’
‘‘मोण्टेगामा ने सही कहा था कि उसने लड़के को खरीदा है और उसके लिये रकम मैंने दी थी। मुझे उस समय अपने प्रयोगों के लिये बच्चों की ज़रूरत थी इसलिये मैंने मोण्टेगामा के माध्यम से कार्ल को खरीदा। कुछ और बच्चों को भी मैंने अलग अलग-अलग लोगों को माध्यम बनाकर खरीदा। मोण्टेगामा बाद में सी.आई.ए. का एजेण्ट बन गया। उसने यह गलत कहा था कि कार्ल उसके पास बचपन से रहा है। हकीकत ये है कि कार्ल और कुछ दूसरे बच्चे मेेरे प्रयोगों के काम आ रहे थे। मुझे दुःख है कि उन बच्चों में केवल कार्ल जीवित बचा।’’

‘‘आप एक्सपेरीमेंट क्या कर रहे थे मि0 मारिस?’’ आर्थर ने उत्सुकता में पूछा।
‘‘मैं इंसानी रोबोट बनाने के सिलसिले में एक्सपेरीमेंट कर रहा हूँ। और इसमें काफी कामयाबी भी मिल चुकी है।’’
‘‘मैं कुछ समझा नहीं।’’ आर्थर की आँखों में उलझन थी।

‘‘मैं समझाता हूँ। प्रत्येक प्राणी के शरीर में विशेष प्रकार की संरचनायें पायी जाती हैं। इन्हें जीन कहते हैं और ये प्राणी के समस्त गुणों की वाहक होती है। अगर ये जीन बदल दिये जायें तो गुण भी परिवर्तित हो जाते हैं। प्राकृतिक रूप में यह होता है कि शेर का बच्चा शेर पैदा होता है और आम के पेड़ में हमेशा आम की पैदावार होती है क्योंकि शेर और आम का पेड़ अपने ही जैसे जीन्स अपनी संतानों को ट्रान्सफर करते हैं।
लेकिन अगर किसी तरीके से जीन्स बदल दिये जायें तो शेर का पैदा होने वाला बच्चा बिल्ली भी हो सकता है और आम का पेड़ सेब भी पैदा कर सकता है।’’

‘‘हाँ। मैंने भी इस बारे में सुना है। लेकिन क्या ये वाकई मुमकिन है?’’

‘‘हण्ड्रेड परसेन्ट मुमकिन है। जीन्सों की काँट-छाँट की जा सकती है और साइंस की जो शाखा यह कार्य करती है उसका नाम है बायो टेक्नालॅाजी। इसी का सहारा लेकर मैं इंसानी रोबोट बना रहा हूँ।’’ 
‘‘इंसानी रोबोट का क्या मतलब हुआ ?’’

‘‘इंसानी रोबोट, अर्थात किसी मनुष्य के शरीर में इस प्रकार बदलाव लाना कि वह एक मशीन की तरह शक्तिशाली हो जाये और साथ ही साथ उसके दिमाग को इस तरह बदल देना कि उसमें विरोध की भावना समाप्त हो जाये और वह एक गुलाम की तरह काम करने लगे।’’

‘‘तो क्या कार्ल भी एक इंसानी रोबोट है ?’’

‘‘हाँ! लेकिन अभी उसमें एक कमी है। वह एक मशीन की तरह शक्तिशाली बन चुका है लेकिन अभी मैं उसके मस्तिष्क से प्रतिरोध शक्ति नहीं खत्म कर पाया हूँ। इसलिये मैंने एक दूसरी तरकीब निकाली है। कहते हुये मारिस ने अलमारी खोलकर कैलकुलेटर के साइज़ का एक यन्त्र निकाला और बताने लगा, ‘‘यह ब्रेन कण्ट्रोल डिवाइस है। इंसानी रोबोट बनाते समय एक छोटा सा यन्त्र आपरेशन करके उसके दिमाग में फिट कर दिया जाता है जो इस डिवाइस का रिसीवर है। इस यन्त्र के द्वारा इंसानी रोबोट का दिमाग उस व्यक्ति के काबू में आ जाता है जिसके हाथ में यह यन्त्र होता है।’’

--- कल अंतिम भाग में इस कहानी का अन्जाम।
  

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