Thursday, July 9, 2009

प्लैटिनम की खोज - एपिसोड : 7

यह होटल का हॉल था और अच्छी संख्या में बैठे हुए लोग वहा गूंज रहे मधुर संगीत का आनन्द ले रहे थे। शमशेर सिंह के बैठने के थोड़ी देर बाद उधर एक वेटर आया और उसे सलाम किया।
‘‘नमस्कार भाई साहब।’’ शमशेर सिंह तुरंत खड़ा हो गया और उससे हाथ मिलाने लगा। जबकि वेटर भौंचक्का होकर उसकी शक्ल देखने लगा था।

शमशेर सिंह ने यही समझा था कि वह कोई पुरानी जान पहचान का व्यक्ति है, तभी तो उसने नमस्कार किया है। वह कहने लगा, ‘‘अच्छा हुआ आप यहां मिल गये। दरअसल मैं यहां इण्टरव्यू देने आया हूं। आप जरा ये बता दीजिए कि मुझे किधर जाना होगा।’’ उसने जेब से काल लेटर निकालकर वेटर को दिखाया।
वेटर ने लेटर देखकर कहा, ‘‘इसके लिए आपको पांचवें फ्लोर पर जाना होगा। यह रूम वहीं पर है। आप उधर से जा सकते हैं।’’ उसने लिफ्ट की ओर संकेत किया, और शमशेर सिंह उधर बढ़ गया।

फिर जब वह पांचवें फ्लोर पर स्थित इंटरव्यू रूम में पहुंचा तो उसकी सांस बुरी तरह फूल रही थी। उससे गलती यह हुई कि उसने लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का प्रयोग कर लिया था।
अन्त में वह अपनी मंजिल पर पहुच गया। वहां उपस्थित इंटरव्यू के लिए आये अन्य व्यक्तियों ने उसे आश्चर्य से देखा। क्योंकि शमशेर सिंह का हुलिया किसी भी प्रकार से इंटरव्यू देने आये व्यक्ति का नहीं लग रहा था।

‘‘शमशेर सिंह को मिलाकर अब वहां कुल पांच व्यक्ति हो गये थे। वे सभी साक्षात्कार के लिए बुलावे की प्रतीक्षा कर रहे थे।
‘‘ऐ, एक गिलास पानी पिलाओ, बहुत देर से हलक सूख रहा है।’’ स्मार्ट दिखने वाले एक युवक ने शमशेर सिंह को संबोधित किया।

‘‘जरूर भाई साहब। लेकिन यहाँ पानी किधर मिलता है?’’
‘‘कमाल है। चपरासी होकर तुझे इतना भी नहीं पता कि पानी किधर मिलता है?’’ उस युवक ने अक्खड़ता से कहा।
‘‘चपरासी? लेकिन मैं तो इंटरव्यू देने आया हूं।’’ शमशेर सिंह ने विस्मय से कहा।
‘‘ऐं। आई एम सॉरी।’’ उस युवक ने इस प्रकार माफी मांगी मानो थप्पड़ मार रहा हो।

शमशेर सिंह वहां रखी एक खाली कुर्सी पर बैठ गया और अपनी बारी की प्रतीक्षा करने लगा।
फिर लगभग एक घण्टे के बाद, जब शमशेर सिंह की दृष्टि सामने रखे अखबार की सुर्खी ‘उद्योग मन्त्री पर एक विधायक ने चप्पल खींचकर मारी’ पर पच्चीसवीं बार पड़ी, उसी समय एक चपरासी अन्दर दाखिल हुआ।

‘‘सैलेस शिंह कौन साहब हैं??’’ मुंह ऊंचा करके उसने होंठों का प्याला बनाया। इस प्रकार उसने पान मसाले की पीक को बाहर गिरने से बचाया।
‘‘मैं हूं शैलेश सिंह।’’ एक युवक खड़ा होकर बोला।
‘‘जाईए, आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है।’’

वह युवक टाई की नॉट सही करता हुआ चपरासी के साथ जाने लगा।
‘‘जब यहां के चपरासी का यह हाल है तो इंटरव्यू लेने वाले तो आसमान में उड़ रहे होंगे।’’ दूसरे युवक ने कमेंट किया।

3 comments:

seema gupta said...

इंटरव्यू लेने वाले तो आसमान में उड़ रहे होंगे।’’
हा हा हा हा रोमांचक

regards

admin said...

अरे यह तो स्टार प्लस का धारावाहिक हो गया, बढता ही जा रहा, बढता ही जा रहा।
ह ह हा।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

अभिषेक मिश्र said...

Chaliye Interview Dwar tak to Shamsher ji pahunch gaye, ab aage kya ?