Friday, January 9, 2009

ताबूत - एपिसोड 43

"आप लोग विवाह के लिए दौड़ क्यों रहे हैं? क्या कोई स्वयेंवर होगा?" चीन्तिलाल ने पूछा. ये शब्द उसने अपनी भाषा में कहे थे. यहाँ ये बता देना आवश्यक है की इस युग की भाषा केवल केवल मारभट और सियाकरण ही थोडी बहुत सीख पाये थे. चीन्तिलाल और चोटीराज इस युग की भाषा बिल्कुल नहीं बोलते समझते थे. किंतु वे यही समझते थे कि इस युग के लोग उनकी भाषा समझ रहे हैं. और इसका कारण था कि राम्सिंघ इत्यादि उनसे उन्हीं कि भाषा में बात कर लेते थे. लुटेरे अपनी वैगन में बैठ चुके थे.

"ये स्पीड ब्रेकर बीच में कहाँ से टपक पड़े." लुटेरों ने कहा और उनसे बोले, "तुम लोग सामने से हट जाओ वरना गोली से उड़ा दिए जाओगे." कहते हुए रिवाल्वर वाले ने उनपर रिवाल्वर तान दिया.
"चीन्तिलाल, ये हमें कुछ दे रहे हैं." चोटीराज ने रिवाल्वर लेने के लिए हाथ बढ़ा दिया. लुटेरे ने ट्रेगर दबा दिया. पिट की आवाज़ हुई और कोई गोली नहीं चली.
"ओह! मैंने अपना रिवाल्वर तो बैंक में ही खाली कर दिया था." लुटेरा बोला.
"तो फिर देखते क्या हो. चाकू से इनका काम तमाम कर दो." दूसरे लुटेरे ने कहा.
पहला लुटेरा चाकू निकालकर उनकी ओर बढ़ने लगा. पास पहुंचकर उसने चोटीराज पर वार किया. चोटीराज उसकी मंशा भाँपकर किनारे हो गया और लुटेरे का वार खाली हो गया.
"ये तो हमें मार रहा है. अर्थात ये हमारा दुश्मन है." चोटीराज ने कहा.
"फिर देख क्या रहे हो. इसे बता दो की हम दुश्मनों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं." चीन्तिलाल बोला और चोटीराज ने लुटेरे के गाल पर एक थप्पड़ जमा दिया. लुटेरा भला उन सातफुटे प्राचीन युग्वासियों का थप्पड़ कहाँ झेल पाता. उसे वहीँ तारों के साथ साथ ब्लैक होलों के भी दर्शन हो गए ओर वह सपनों की दुनिया में पहुँच गया.

फ़िर चोटीराज कर के आगे पहुँचा ओर चीन्तिलाल पीछे, ओर उन्होंने उसे अपने हाथों पर उठा लिया. कार में बैठे लुटेरों का शायद इस तरह की परिस्थिति से पहली बार पाला पड़ा था. वे हवा में तंगी कार में बैठे बैठे चिल्लाने लगे. उनकी चीख सुनकर काफ़ी लोग अपने घरों से निकल आए और उनकी हालत देखकर हंसने लगे. कुछ ही देर में पुलिस भी आ गई ओर उसने उन लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया. फ़िर जब उसे मालूम हुआ की लुटेरों को पकड़ने वाले चोटीराज और चीन्तिलाल हैं तो वह इनको भी अपने साथ लेती गई. पुलिस स्टेशन देखकर ये दोनों एक दूसरे का मुंह ताकने लगे.
"लगता है हमें फ़िर कोठरी में बंद कर दिया जायेगा." चीन्तिलाल बोला.

1 comment:

seema gupta said...

चीन्तिलाल, ये हमें कुछ दे रहे हैं." चोटीराज ने रिवाल्वर लेने के लिए हाथ बढ़ा दिया. लुटेरे ने ट्रेगर दबा दिया. पिट की आवाज़ हुई और कोई गोली नहीं चली.
" ha ha again very intersting.."

regards