Sunday, December 28, 2008

ताबूत - एपिसोड 37

उधर जब थानेदार को पता चला कि ये लोग चीन की सीमा पार करके आ रहे हैं तो वह एकदम से हडबडा कर उठ खड़ा हुआ और बोला, "ये तो बहुत खतरनाक हैं. इन्हें तो फ़ौरन जेल में शिफ्ट कर दो. मुकदमा बाद में चलता रहेगा."
एक बार फ़िर कुछ सिपाही हवालात पहुंचे और उन्हें निकालने के लिए ताला खोलने लगे. अभी वे ताला खोल ही रहे थे कि बाहर गोलियां चलने कि आवाज़ सुनाई दी. वे सिपाही बाहर भागे. जैसे ही वे थानेदार के कमरे में पहुंचे, पाँच छः नकाबधारी व्यक्तियों के हाथों में दिख रही पिस्तौलों ने उन्हें हाथ ऊपर करने पर मजबूर कर दिया. उन व्यक्तियों ने थाने के सभी लोगों को अपनी पिस्तौलों से कवर कर लिया था.

"क्या बात है? तुम लोग हमसे क्या चाहते हो?" थानेदार ने उनसे पूछा.
"तुम्हारे लाकअप में हमारा साथी बंद है. हम उसे छुड़ाने आए हैं." उनमें से के व्यक्ति बोला.
"ओह! तो तुम लोग बैंक डकैती वाले गिरोह के आदमी हो."
"तुमने सही पहचाना." फ़िर उस व्यक्ति ने अपने साथी को लाकअप खोलकर बंद साथी को लाने के लिए कहा. उसने सिपाहियों से कुंजी ली और लाकअप की ओर चला गया. फ़िर जब कुछ देर के बाद वह वापस आया तो उसके साथ उसके साथी के साथ चारों प्राचीन युगवासी भी थे.

"ये किन कार्टूनों को पकड़ लाये?" वह व्यक्ति जो थानेदार से बात कर रहा था और शायद उनका सरदार भी था, बोला.
"बॉस, ये हमें लाकअप में बंद मिले थे." उस व्यक्ति ने जवाब दिया.
"ठीक है. फ़िर आज हम भी थोड़ा पुण्य कम लेते हैं." कहते हुए वह व्यक्ति चारों प्राचीन युगवासियों से बोला, "तुम लोग यहाँ से भाग जाओ."
मारभट इत्यादि उसकी बात सुनकर बाहर जाने लगे.
"ये तुम लोग क्या कर रहे हो? ये बहुत खतरनाक मुजरिम हैं." थानेदार ने अपनी कुर्सी से उठने की कोशिश की.
"चुपचाप बैठे रहो. वरना गोली अन्दर और भेजा बाहर होगा." सरदार ने फ़िर थानेदार को बिठा दिया. कुछ देर बाद जब मारभट इत्यादि उनकी नज़रों से गायब हो गए तो वे लोग भी अपने साथी को लेकर बाहर निकल गए.
"अगर मैंने उस बैंक डकैत और चारों मुजरिमों को दुबारा न बंद कराया तो मेरा नाम भी थानेदार शेरखान नहीं. तुम लोग मेरा मुंह क्या देख रहे हो. जाओ ढूँढो उन लोगों को." वह अपने सिपाहियों पर दहाड़ा और सिपाही जल्दी जल्दी बाहर निकल गए. उसके बाद थानेदार स्वयं अपनी कैप उठाकर बाहर निकल गया.
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"अरे मेरा पर्स." एक महिला चिल्लाई क्योंकि उसका पर्स एक उचक्का लपककर भागने लगा था. फ़िर कई लोग उस उचक्के के पीछे दौड़ पड़े. इन लोगों में एक व्यक्ति भी था जिसने अपनी कार अभी अभी वहां खड़ी की थी. और इस हड़बड़ी में वह कार की कुंजी इग्निशन में ही लगी छोड़ गया था.
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