Friday, August 14, 2015

इच्छाधारी - हिंदी विज्ञान कथा (भाग 5)

‘‘लेकिन हम इस साज़िश को नाकाम बना सकते हैं।’’ फादर जोज़फ की आवाज़ उनके विचारों की झील में उथल पुथल मचाकर विश्वास की नयी लहरें पैदा कर गयी।
‘‘वह किस तरह?’’ दीपा का सवाल मानो स्वयं ही उसके मुंह से निकला था। वरना उनके दिमाग इतनी बड़ी खबर सुनकर उनके काबू में कहाँ थे। 

फादर फिर से मैप की तरफ मुखातिब हो गया। उसने उसके एक प्वाइंट पर उंगली रखी और बताने लगा, ‘‘ये देखो। ये लोकेशन हमारे देश में मौजूद एक घने जंगल की है। वह जंगल जो पहाड़ियों के बीच मौजूद है और अत्यन्त घना है। इस जंगल में फिलहाल अकणों से बना हुआ एक एलियेन मौजूद हैं। ये शुरूआती स्टेज है। इसे यहाँ इसलिए भेजा गया है कि ये पृथ्वी के वातावरण में अगर सुरक्षित रह गया तो वापस जाकर ये यहाँ की रिपोर्ट अपने साथियों को देगा। और फिर वे लोग आगे कदम उठायेंगे।’’ 

‘‘ओह।’’ अरुण ने सर हिलाया।

‘‘तो अगर हम उसे खत्म कर सके तो उस ग्रह के लोग समझ जायेंगे कि पृथ्वीवासी न केवल उन्हें पहचान चुके हैं बल्कि समाप्त करने की क्षमता भी रखते हैं। इस तरह वे आगे यहाँ कोई कार्यवाई करने की हिम्मत नहीं करेंगे।’’ कहते हुए फादर जोज़फ ने चारों की तरफ देखा। 

चारों फादर का मतलब समझ गये थे। वास्तव में फादर उस एलियेन को खत्म करने में उनकी मदद चाहता था।

‘‘यह जंगल हमारे शहर से ज़्यादा दूर तो है नहीं। हम अभी अपनी कार से चलते हैं और उसे खत्म करके लौट आते हैं।’’ रिया ने पूरे जोश के साथ कहा। 
‘‘हाँ दूर तो नहीं। मात्र तीन सौ किलोमीटर का फासला है।’’ अरुण ने थोड़ा व्यंग्य के साथ रिया को घूरा, ‘‘वहाँ पहुँचने में पूरा दिन लग जायेगा।’’ 

‘‘और शायद रात भी। क्योंकि वहाँ की सड़क शहर जैसी साफ सुथरी नहीं है।’’ दीपा ने जोड़ा। 
‘‘हमें पुलिस को इन्फार्म करना चाहिए। बल्कि अगर आर्मी को वहाँ पर लगा दिया जाये तो इस मुसीबत को दूर किया जा सकता है।’’ अरुण की राय थी। 

‘‘हम पुलिस या आर्मी की मदद नहीं ले सकते। क्योंकि अगर हम इसे लोगों को बतायेंगे तो कोई हमारी बात पर यकीन नहीं करेगा। दूसरी तरफ अगर ये बात फैल गयी तो एलियेन तक भी ज़रूर पहुँचेगी। और फिर वो विकसित एलियेन हमारी पूरी आर्मी को ही खत्म कर देगा। इसलिए उसे बेखबरी में ही मारना उचित है।’’ फादर की बात से वे लोग पूरी तरह सहमत थे और उन्हें समस्या की गंभीरता पूरी तरह महसूस हो रही थी।

‘‘तो फिर तय रहा कि हम उस जंगल में जायेंगे और उन्हें खत्म कर देंगे।’’ इस बार संजय के मज़बूत लहजे ने आगे की कार्रवाई फाइनल कर दी।  
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‘‘लेकिन हम उसे पहचानेंगे कैसे?’’ जब वे जंगल की सीमा में दाखिल हुए तो रिया ने पहला सवाल यही जड़ा। 
‘‘उसे पहचानना वाकई मुश्किल है। क्योंकि वह मनचाहा रूप धारण करने में सक्षम हैं। लेकिन कुछ तरीके हैं जिनके ज़रिये हम उन्हें पहचान सकते हैं।’’ जंगल में बनी एक प्राकृतिक पगडंडी पर आगे कदम बढ़ाते हुए फादर ने कहा। वह पूरे ग्रुप में सबसे आगे था। 

‘‘वह कौन से तरीके हैं?’’ दीपा ने पूछा। 

‘‘हो सकता है वह एलियेन किसी जानवर के रूप में हो। लेकिन ऐसे में वो उस जानवर की प्रजाति से थोड़ा अलग दिखेगा। मसलन अगर वह किसी नाग की शक्ल में हुआ तो उसका शरीर स्लेटी ज़रूर होगा लेकिन उस शरीर की चमक आम नागों की तुलना में बहुत ज़्यादा होगी। यहाँ तक कि वह अँधेरे में भी चमकेगा।’’ 

‘‘ओह!’’ रिया ने एक गहरी साँस ली। 

‘‘फिर ऐसे एलियेन को कन्फर्म करने का दूसरा तरीका ये है कि तुम उनका पीछा खामोशी के साथ करो। इस तरह कि उन्हें तुम्हारी भनक भी न लगने पाये। फिर अगर वह जानवर तुम्हारे सामने अपने को परिवर्तित करके किसी और जीव के रूप में आ गया तो ये निश्चित हो जायेगा कि वह हमारे ग्रह का प्राणी नहीं है।’’

‘‘ओह! बहुत मुश्किल काम है ये तो।’’ संजय अपनी खोपड़ी सहलाते हुए बोला।

‘‘यकीनन ये काम मुश्किल है। लेकिन हमें करना होगा। पृथ्वी को बचाने के लिये।’’ फादर गम्भीर लहजे में बोला। वे सभी फादर के लहजे में छुपी हुई चिंता को देख रहे थे, अतः कोई कुछ नहीं बोला।
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(जारी है)

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