Wednesday, December 24, 2014

असली खेल (भाग 4 )

‘‘अगर आपने हमें कुछ नहीं बताया तो हम पागल हो जायेंगे।’’ माया ने भी कहा।
 
इंस्पेक्टर ने बच्चों के बाप की ओर देखा, ‘‘मैं देखूंगा कि आपके बच्चों के साथ क्या कर सकता हूँ। फिलहाल ये आपका फर्ज बनता है कि आप इन दोनों को असलियत बताएं। बगल के कमरे में आप इन्हें ले जायें और पूरी कहानी शुरू से आखिर तक बताएं।’’
 
‘‘ठीक है।’’ बच्चों का बाप उन दोनों से मुखातिब हुआ, ‘‘आईए!’’
 
वह दोनों के साथ एक बार फिर दीवार के पास पहुँचा और अंदर घुसता चला गया। दोनों ने हिचकिचाते हुए उसका अनुसरण किया। उन्हें महसूस हुआ कि वह किसी रूई की दीवार के अंदर घुसते जा रहे हैं।
दूसरी तरफ एक खूबसूरत सजा हुआ कमरा था। बच्चों का बाप एक सोफे पर बैठ गया । सामने वह दोनों भी बैठ गये।
 
‘‘मेरा नाम शशिकान्त है। मैं उन दोनों शरारती बच्चों सीमा और सौरभ का बाप हूँ।’’
‘‘लेकिन यह हमारे साथ क्या हो रहा है? हम लोग क्या किसी दूसरी दुनिया में पहुँच गये हैं?’’
‘‘दुनिया तो वही है लेकिन टाइम बदल गया है। आप लोग इस समय एक हजार साल बाद की पृथ्वी पर हैं। यानि भविष्य में।’’
 
दोनों भौंचक्के रह गये।
 
‘‘लेकिन यह सब कैसे.....?’’ माया गड़बड़ा कर बोली।
 
‘‘ये सब मेरे बच्चों सीमा और सौरभ का किया धरा है। उन्होंने एक गेम ‘रियल वर्चुएलिटी’ खेलते हुए यह हरकत की है। यह गेम वास्तव में हमारे देश में प्रतिबन्धित है लेकिन स्पेस में घूमती हुई कुछ चोर सैटेलाइट यह पायरेटेड गेम बच्चों को बेच रही हैं।’’
 
‘‘यह कैसा गेम है?’’ माया ने हैरत से पूछा।
 
‘‘दरअसल इस जमाने के बच्चे पहले से पहले से बहुत ज्यादा बुद्धिमान हो गये हैं। रही सही कसर आज की शैक्षिक मशीनें पूरी कर देती हैं, जो उन बच्चों के दिमाग में इतनी इन्फार्मेशन भर देती हैं जितनी आज से हजार साल पहले व्यस्कों के दिमाग में होती थी। इसीलिए आजकल बच्चों के गेम भी पूरी तरह अलग हो गये हैं। अब वे काल्पनिक गेम्स जैसे कम्प्यूटर गेम वगैरा खेलना पसंद नहीं करते बल्कि ऐसे गेम खेलना चाहते हैं जिनमें वास्तविक कैरेकटर्स हों। 
बच्चों की इसी मानसिकता को समझकर विश्व की सबसे बड़ी गेम कंपनी गेम्स जोन ने एक गेम तैयार किया रियल वर्चुएलिटी, जिसको खेलते हुए बच्चे भूतकाल में पहुंच जाते हैं। और वहाँ के असली इंसानों को कैरेक्टर्स बनाकर गेम खेलते हैं।’’
 
‘‘यह कैसे पासिबिल है?’’ रवि ने अविश्वास भाव से शशिकान्त को देखा।

....क्रमशः