दोनों इधर उधर देखते हुए आगे बढ़े और दूसरे कमरे में पहुँच गये। यहाँ दोनों बच्चे फिर मौजूद थे।
‘‘सुनो! लड़की ने लड़के को संबोधित किया, ‘‘मेरी थ्योरी। एक्चुअली हमारा ब्रह्माण्ड एक समयन्तराल में फैलता है और दूसरे में सिकुड़ता है।’’
‘‘यह बात तो पुरानी हो चुकी है।’’ लड़के ने बुरा सा मुँह बनाते हुए कहा, ‘‘मैंने तुमसे तीन दिन पहले कहा था कि कोई नयी थ्योरी सोचो।’’
‘‘सोचने के लिए मुझे बहुत दूर जाना पड़ेगा। मैं तो चली।’’ लड़की चलते हुए एक दीवार तक पहुँची और फिर वहाँ से गायब हो गयी।
‘‘सोचने के लिए मुझे बहुत दूर जाना पड़ेगा। मैं तो चली।’’ लड़की चलते हुए एक दीवार तक पहुँची और फिर वहाँ से गायब हो गयी।
‘‘रुको मैं भी आता हूँ।’’ लड़के ने भी उसका अनुसरण किया।
‘‘रवि, मुझे तो चक्कर आ रहा है।’’ माया सर थामकर नीचे बैठ गयी।
‘‘मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है। लगता है हम लोग वाकई विमान दुर्घटना में मर चुके हैं।’’ रवि भी वहीं जमीन पर बैठ गया।
दोनों के बैठते ही वहाँ का फर्श तेजी से जमीन में धंसने लगा। फिर दोनों तेज गति से किसी अंधेरी सुरंग से गुजरने लगे।................
‘‘रवि, मुझे तो चक्कर आ रहा है।’’ माया सर थामकर नीचे बैठ गयी।
‘‘मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है। लगता है हम लोग वाकई विमान दुर्घटना में मर चुके हैं।’’ रवि भी वहीं जमीन पर बैठ गया।
दोनों के बैठते ही वहाँ का फर्श तेजी से जमीन में धंसने लगा। फिर दोनों तेज गति से किसी अंधेरी सुरंग से गुजरने लगे।................
और
जब अंधेरी सुरंग से वो लोग बाहर निकले तो अपने को एक अजीब से कमरे में
पाया। इस कमरे में चारों तरफ दीवारों में मशीनें जड़ी हुई थीं। उन्होंने
बायीं तरफ सर घुमाया। उधर मौजूद मशीन में एक बड़ी सी स्क्रीन लगी हुई थी और
उस स्क्रीन में दोनों बच्चे चलते फिरते दिखाई दे रहे थे।
सामने एक खूबसूरत सोफा रखा हुआ था सोफे की बगल में मौजूद दीवार पर एकाएक किसी मनुष्य की परछाईं बनी और फिर वह वास्तविक मानव में परिवर्तित हो गयी। वह मानव चलता हुआ आया और सोफे पर बैठ गया, फिर उसने आवाज दी, ‘‘कम इन!’’
सामने एक खूबसूरत सोफा रखा हुआ था सोफे की बगल में मौजूद दीवार पर एकाएक किसी मनुष्य की परछाईं बनी और फिर वह वास्तविक मानव में परिवर्तित हो गयी। वह मानव चलता हुआ आया और सोफे पर बैठ गया, फिर उसने आवाज दी, ‘‘कम इन!’’
दूसरी
दीवार मे एक और परछाईं बनी और फिर वह भी वास्तविक मानव में परिवर्तित होकर
कमरे में प्रवेश कर गयी। वह मानव काफी चिंतित दिख रहा था। वह धीरे धीरे
चलता हुआ सोफे पर बैठे मानव के सामने आकर रूक गया।
‘‘क्या कहना है तुम्हें?’’ सोफे पर बैठे मनुष्य ने उससे प्रश्न किया।
‘‘क्या कहना है तुम्हें?’’ सोफे पर बैठे मनुष्य ने उससे प्रश्न किया।
‘‘इंस्पेक्टर साहब, मेरे बच्चे बेकुसूर हैं। आप प्लीज उन्हें छोड़ दीजिए।’’ वह व्यक्ति शायद उन दोनों बच्चों का बाप था।
‘‘इन्होंने बहुत बड़ा जुर्म किया है, और आप कहते हैं कि ये बेकुसूर हैं। आप जानते हैं इनका जुर्म!’’ इंस्पेक्टर ने बच्चों के बाप को घूरा।
‘‘इन्होंने बहुत बड़ा जुर्म किया है, और आप कहते हैं कि ये बेकुसूर हैं। आप जानते हैं इनका जुर्म!’’ इंस्पेक्टर ने बच्चों के बाप को घूरा।
‘‘जी! उन्होंने इन दोनों शरीफ महानुभावों को परेशान किया है।’’ बच्चों के बाप ने रवि और माया की तरफ देखा।
‘‘तुम्हारे बच्चों ने रियल वर्चुएलिटी गेम खेला है, जिसपर देश का कानून बहुत पहले प्रतिबंध लगा चुका है।’’
‘‘तुम्हारे बच्चों ने रियल वर्चुएलिटी गेम खेला है, जिसपर देश का कानून बहुत पहले प्रतिबंध लगा चुका है।’’
‘‘पता
नहीं कैसे मेरे बच्चों को ये गेम मिल गया। जबसे इसपर प्रतिबंध का कानून
बना है, बच्चे चोर सैटेलाइट से इसे डाउनलोड करने लगे हैं। आप लोग ऐसे
सैटेलाइट नष्ट क्यों नहीं कर देते?’’
‘‘हम ऐसे सैटेलाइट नष्ट करते हैं
लेकिन ये कुकुरमुत्तों की तरह दोबारा पैदा हो जाते हैं। आजकल चोर सैटेलाइट
और पायरेटेड साफ्टहेड की समस्या वाकई बहुत गंभीर हो गयी है।’’
‘‘एक्सक्यूज मी!’’ रवि बीच में बोल उठा, ‘‘हमारी कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि ये हमारे साथ क्या हो रहा है।’’
...क्रमशः
3 comments:
हम ऐसे सैटेलाइट नष्ट करते हैं लेकिन ये कुकुरमुत्तों की तरह दोबारा पैदा हो जाते हैं। आजकल चोर सैटेलाइट और पायरेटेड साफ्टहेड की समस्या वाकई बहुत गंभीर हो गयी है।’’
..सच्ची बात ..आजकल जोरों पर है यह कारोबार ...
..
Thanks for the comment Kavita Rawat Ji.
Barkhaa Full Movie Watch online
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