Saturday, July 2, 2011

ड्रामा द ग्रेट डिक्टेटर्स - (Part - 5)


(हिटलर स्टेज पर दाखिल होता है, फिर उसका हाथ पकड़े जार्ज बुश, फिर उसका हाथ थामे ओसामा, ओसामा का हाथ थामे सद्दाम, और सद्दाम का हाथ थामे बादशाह अकबर स्टेज पर दाखिल होते हैं।)

हिटलर  : हम लोग बार बार इस दुनिया को कैच करने की कोशिश करते हैं लेकिन यह कमबख्त हमारे हाथ से हमेशा मछली की तरह फिसल जाती है। लेकिन अब हम कामयाब होकर रहेंगे। क्योंकि आज दुनिया के सारे डिक्टेटर एकता की डोर में बंध् चुके हैं। 
(इस बीच जैक्सन और डा0सायनाइड भी वहां पहुंच चुके हैं और इस ग्रुप के पीछे जाकर चुपचाप खड़े हो गये है।)

अकबर  : अभी हमें ये महल कुछ सूना सूना लग रहा है। लगता है यहां कुछ डिक्टेटरों की कमी है। 
हिटलर  : अभी यहां मिस्र की शहज़ादी क्लियोपेट्रा भी आने वाली है। वह अभी अपने सपोर्ट में एसएमएस इकट्‌ठा कर रही है। 
(क्लियोपेट्रा दाखिल होती है।)
क्लियोपेट्रा : मैंने हिन्दुस्तानी लोगों से वोटिंग करा ली। 
हिटलर  : तो फिर बताओ क्या नतीजा निकला। 
क्लियोपेट्रा : अफसोस कि वह नतीजा हमारे किसी काम का नहीं। हिन्दुस्तानी लोगों ने न तो जर्मन शेफर्ड को वोट दिया और न ही अलसेशियन को । 
हिटलर  : फिर उन्होंने किसको वोट दिया? 
क्लियोपेट्रा  : उन्होंने ब्रिटिश बुलडाग को पसंद किया है। 
हिटलर  : अंग्रेज़ चले गये लेकिन मेंटैलिटी छोड़ गये। इन इण्डियन्स का कुछ नहीं हो सकता। अंग्रेज अगर फेयर एण्ड लवली की शीशी में अपनी टट्‌टी भरकर इण्डिया भेज दें तो ये गधे शौक से उसे अपने चेहरे पर मल लेंगे।

जार्ज बुश  : फालतू बातें किनारे करो। और दुनिया पर कब्ज़े की प्लानिंग करो। हमें देर नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हमारी उम्र गुज़रती जा रही है। इससे पहले कि हम ज़मीन के नीचे पहुंच जायें हमें सारी ज़मीनों को अपने कब्ज़े में ले लेना चाहिए। 
(उसी वक्त मि0कन्फ्यूज़ भी वहां पहुंच जाता है। और एक कोने में जाकर खड़ा हो जाता है।)
क्लियोपेट्रा  : दुनिया पर कब्ज़े से पहले हमें ये देखना होगा कि हमारे पास क्या क्या है?
जार्ज बुश : मेरे पास मिसाईलें हैं। 
हिटलर : मेरे पास मस्टर्ड गैस है।
ओसामा : मेरे पास हयूमन बम हैं। 
सद्दाम : मेरे पास अंकल के दिये हुए सारे हथियार हैं। (अकबर की तरफ देखकर) बादशाह सलामत, आपके पास क्या है,
अकबर : मेरे पास मिस्त्री हैं इंसान को दीवार में चुनने वाले मिस्त्री।
जार्ज बुश : बादशाह सलामत आउटडेटेड है। इसे किनारे करो।
अकबर : ठीक है। जब तुम लोग पूरी दुनिया पर कब्ज़ा कर लेना तो गददी पर हमें बिठा देना हुकूमत करने के लिये। तब तक हम जाते हैं अपनी अनारकली के पास। (वह जाता है।)

मि0कन्फ्यूज़ : कुछ मेरे पास भी है। फर्ज़ी एनकाउण्टर स्पेशलिस्ट।
जार्ज बुश  : ये कौन बोला? 
ओसामा  : कोई पागल लगता है। 
जार्ज बुश  : चलो डिक्टेटरों। हमें अब देर नहीं करनी चाहिए। फौरन कर लो दुनिया अपनी मुट्‌ठी में।
मि0कन्फ्यूज़ : इसके लिये तुम लोगों को रिलायन्स के पीसीओ में जाना चाहिए बेवकूफों। 
ओसामा  : (नारा मारता है) ये दुनिया। 
सद्दाम  : हमारी है। 
ओसामा  : हम इसको! 
हिटलर  : बरबाद करेंगे। 
जार्ज बुश  : अबे दिल की बात मत बोल बेवकूफ (नारा लगाता है) हम इसको आबाद करेंगे।

सद्दाम  : (जार्ज बुश से) अंकल, पूरी दुनिया पर कब्ज़ा करने के बाद आप क्या करेंगे? 
जार्ज बुश  : पूरी दुनिया पर कब्ज़े के बाद मैं बहुत बड़ा आलीशान महल बनवाऊंगा। उसमें एक हज़ार मंज़िलें होंगी। 
सददाम  : अच्छा! 
जार्ज बुश  : हर मंज़िल पर हज़ार कमरे होंगे और हर कमरे में एसी लगा होगा। 
सददाम  : और?
जार्ज बुश  : हर मंज़िल पर स्वीमिंग पूल होगा। 
सददाम  : फिर? 
जार्ज बुश  : फिर मैं सबसे ऊपर की मंज़िल पर शानदार सूट बनवाऊंगा, ऐसा सूट कि आजतक किसी अंबानी ने भी ने नहीं बनवाया। 
सददाम  : फिर? 
जार्ज बुश  : फिर उस सूट में दुनिया का सबसे कीमती टायलेट होगा। हीरे मोतियों से जड़ा हुआ। 
सददाम  : फिर? 
जार्ज बुश  : फिर उस टायलेट में दुनिया की सबसे कीमती सीट होगी, गोल्ड और प्लेटिनम की बनी हुई। 
सददाम  : फिर? 
जार्ज बुश  : फिर उस सीट पर मैं बैठूंगा। 
सददाम  : फिर? 
जार्ज बुश  : फिर मैं वहीं करूंगा जो सब करते हैं पीला पीला बदबूदार। नालायक! 
(सददाम फौरन अपनी नाक पर हाथ रख लेता है।)

हिटलर  : (ओसामा से) ओसामा बिन लादेन, ये बता कि मैंने तो सिर्फ यहूदियों को मारने का बीड़ा उठाया था तो मुझे सोसाइड करना पड़ा। तूने पूरी दुनिया को सफा करने का बीड़ा उठाया है तो तुझे क्या करना पड़ेगा?
ओसामा : मुझे एक और शादी करनी पड़ेगी। अनारकली किधर है?
मि0कन्फ्यूज़ : वह सलीम के लिये गवाही दे रही है। मेरे गुजरात में।
जार्ज बुश : अबे कितनी गवाहियां दिलवायेगा अपने गुजरात में। हमें देखो, हम बिना गवाही के अपने दुश्मन को मौत की सज़ा सुना देते हैं।
मि0कन्फ्यूज़ : दरअसल हमारा कण्ट्री लोकतान्त्रिक राज्य है।
जार्ज बुश : तो क्या हमारा कण्ट्री पागलों का राज है?
मि0कन्फ्यूज़  : इसे देखो, पूरी दुनिया को एटम बम के ढेर पर बिठाने बाद पूछता है क्या हमारा कण्ट्री में पागलों का राज है?

जार्ज बुश  : (ज़ोर से) हमारा नारा है, आओ तूफान की तरह, बैठो शेर की तरह और जाओ बादशाह की तरह। 
मि0कन्फ्यूज़ : ये नारा मैंने कहीं लिखा हुआ देखा है। ज़रा एक बार फिर दोहराना। 
(जार्ज बुश फिर से दोहराता है।)
मि0कन्फ्यूज़  : याद आया। ये नारा मैंने टायलेट की दीवार पर लिखा देखा है।

हिटलर  : अब देर मत करो, और फौरन निकलो तुम लोग।

(हिटलर, क्लियोपेट्रा और ओसामा पहले निकलते हैं। फिर मि0कनफ्यूज़ इध्रा उध्रा देखता हुआ उनके पीछे निकल जाता है। अब डा0सायनाइड व जैक्सन पीछे बाकी रह गये है जबकि आगे जार्ज बुश और सद्दाम हैं।)
सद्दाम  : अब आप क्यों खड़े हैं अंकल? आपको क्या चाहिए?
जार्ज बुश  : हमको जूता चाहिए। 
सद्दाम  : जूता??
जार्ज बुश  : (पैर की तरफ इशारा करके) हम नंगे पैर है।
सद्दाम  : आपको कौन से नंबर का जूता चाहिए?
जार्ज बुश  : हमको दस नंबर का जूता सूट करता है। 
सद्दाम  : मैं अभी आपके लिये जूता मंगवाता हूं। (पुकारता है) ज़ैदी ज़ैदी? हमारे अंकल के लिये दस नंबर का जूता लेकर आना।
जार्ज बुश  : रहने दो। हमको ज़ैदी का जूता नहीं चाहिए । हम नंगे पैर ही ठीक है। (वह जल्दी से जाने लगता है।) 
सददाम  : अरे सुनिए तो। (जार्ज बुश जल्दी से निकल जाता है।)

जैक्सन : (आगे आकर) अरे ये सब क्या हो रहा है। अब दुनिया को तबाही से कोई नहीं बचा सकता। डा0सायनाइड सब तुम्हारी वजह से हो रहा है। अब इतिहास की आने वाली नस्लें तुम्हें पानी पी पीकर कोसेंगी।
डा0सायनाइड : इतिहास की नस्लें? अबे, ये इतिहास के बच्चे कब से होने लगे? 
जैक्सन  : कुछ भी हो लेकिन तुमने बहुत बुरा किया। मैं जा रहा हूं पुलिस में तुम्हारे खिलाफ रिपोर्ट लिखाने। वरना आज ये दुनिया खत्म होकर रहेगी। 

(वह जाने के लिये बढ़ता है लेकिन डा0सायनाइड उसे पीछे से खींच लेता है।)

डा0सायनाइड  : अबे रुक घोंचू। तू बेफिक्र रह। इस दुनिया को कुछ नहीं होने वाला। 
जैक्सन  : क्यों नहीं कुछ होने वाला, दुनिया में एक डिक्टेटर पैदा होता है तो पूरी दुनिया पनाह माँगने लगती है। यहाँ तो पूरी की पूरी कबड्‌डी टीम बन चुकी है।
डा0सायनाइड  : अबे, तूने कभी अलग अलग गलियों के कुत्तों को एक साथ मिलकर काम करते देखा है? 
(जैक्सन भौंचक्का होकर नहीं में सर हिलाता है।)
जैक्सन : नहीं।

2 comments:

DR. ANWER JAMAL said...

जन-जागरण हेतु काम की जानकारी !
मुबारकबाद !!!
त्वचा में दर्द के अभिग्राहकः Receptors

Darshan Lal Baweja said...

अच्छा नाटक है.