सम्राट बोरस ने इस समय सेनापति लाइकस, साइरस और दूसरे महत्वपूर्ण लोगों की हंगामी मीटिंग बुलाई थी। जब वो लोग उसके कक्ष में पहुंचे तो वो बेचैनी से टहल रहा था।
‘‘सुनो। तुम लोगों का प्लान बहुत धीमे असर कर रहा है। उनको बाहरी विकिरण के प्रभाव में लाकर कमज़ोर करने में महीनों लग जायेंगे। और हमसे इतना सब्र नहीं हो सकता। फैम को तुरंत हमारी मुट्ठी में होना चाहिए।’’ बोरस ने उन्हें देखते ही कहा।
‘‘हमें क्या करना चाहिए सम्राट?’’ लाइकस ने पूछा।
‘‘हमला। तुम अपने सारे जंगी प्लेन लो और आज ही फैम पर हमला कर दो।’’
उसकी बात सुनकर सभी चौंक पड़े।
‘‘सम्राट। हमें तैयारियों के लिये थोड़ा वक्त चाहिए। क्योंकि फैम भी विज्ञान और तकनीक में बहुत आगे है।’’
लाइकस की बात सुनकर बोरस का चेहरा गुस्से से लाल हो गया, ‘‘लाइकस, हमने तुम्हें इसलिए सेनापति नहीं बनाया कि तुम हमें मशविरा दो। तुम्हें हमारे आर्डर पर अमल करना है बस।’’
‘‘माफ कीजिए, मैं बिना तैयारी के फैम पर हमला नहीं कर सकता। मुझे अपने सैनिकों को इस तरह मौत के मुंह में धकेलना पसंद नहीं।’’ इसबार लाइकस ने भी थोड़ी तेज़ आवाज़ में कहा।
‘‘अगर तुम ऐसा नहीं कर सकते तो मरो।’’ बोरस ने जेब से पिस्टल निकाली और लाइकस की ओर करके ट्रिगर दबा दिया। दूसरे ही पल लाइकस का जिस्म धुवां बनकर हवा में विलीन हो चुका था। उसकी ये हालत देखकर सब भौंचक्के खड़े रह गये।
‘‘साइरस, अब लाइकस का चार्ज मैं तुम्हें देता हूं। तुम फौरन फैम पर हमला कर दो।’’ बोरस अब साइरस की ओर घूमा और साइरस हक्का बक्का रह गया।
‘‘लेकिन मुझे युद्ध का कोई तजुर्बा नहीं। मैं तो सिर्फ एक वैज्ञानिक हूं।’’ वह कमज़ोर आवाज़ में बोला।
‘‘तुम सब नालायक हो। तुम भी मरो।’’ बोरस ने अपनी पिस्टल का निशाना उसे भी बना दिया। अब कमरे में दो व्यक्ति कम हो गये थे।
अचानक उन व्यक्तियों में से एक ने पिस्टल निकाली और बोरस की ओर करके ट्रिगर दबा दिया। दूसरे ही पल वहां सम्राट बोरस का नामोनिशान मिट चुका था।
‘‘ये बास्टर्ड हम सबको मार डालने की फिक्र में था। मैंने इसे मार दिया। अब हम सब बच जायेंगे।’’ पिस्टल से सम्राट को निशाना बनाने वाले व्यक्ति ने एक गहरी साँस ली।
‘‘तूने सम्राट की हत्या की है। और तुझे इसकी सज़ा ज़रूर मिलेगी।’’ उसके पास खड़े व्यक्ति ने भी अपनी पिस्टल निकाली और पल भर में पहले वाले व्यक्ति को खत्म कर दिया। अब वहां बाकायदा छोटी मोटी जंग शुरू हो गयी थी। जिसमें हर व्यक्ति दूसरे को निशाना बना रहा था। और जब यह जंग खत्म हुई तो वहां किसी भी शख्स का नामोनिशान नहीं था।
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‘‘सम्राट बोरस के ग्रह से अजीब अजीब खबरें आ रही हैं।’’ रामिश इस समय मारियो और दूसरे मन्त्रियों के साथ मौजूद था। उसका चेहरा चमक रहा था।
‘‘जी हाँ। मालूम हुआ है कि सम्राट बोरस अपने ही मन्त्रियों के साथ संघर्ष में मारा गया। और साथ ही उसके खास मन्त्री सेनापति सहित मारे गये।’’
‘‘पता नहीं ये करिश्मा हुआ कैसे, लेकिन इस घटना ने हमारे ग्रह को ज़रूर सुरक्षित कर दिया।’’ दूसरे मन्त्री ने कहा।
‘‘लेकिन बोरस के ग्रहवासी इसे सपने में भी नहीं सोच सकते कि इस घटना के पीछे हमारा हाथ हो सकता है।’’ बादशाह रामिश मुस्कुराते हुए बोला।
‘‘क्या? कैसे?’’ रामिश के सामने कुर्सियों पर बैठे कई मन्त्री उछल पड़े।
‘‘बेहतर है इस बारे में मारियो कुछ बताये। क्योंकि यह सारा प्लान उसी का बनाया हुआ है।’’ बादशाह रामिश ने मारियो की ओर देखा।
मारियो ने बोलना शुरू किया, ‘‘दरअसल हमने बोरस को उसी के हथियार से मारा है। उसने हमारा सुरक्षा घेरा हटा दिया था, जिससे कई प्रकार के हानिकारक विकिरण हमारे ग्रह पर प्रवेश कर रहे थे। उनमें ऐसे भी विकिरण थे जो हमारे मस्तिष्क में गुस्से जैसी भावनाएं भड़का रहे थे। हमारे वैज्ञानिकों ने ऐसे विकिरणों का अध्ययन किया और उनकी तीव्रता हज़ारों गुना बढ़ाने में कामयाब हो गये। फिर ये तीव्र विकिरण हमने बोरस के ग्रह की ओर भेज दिया। खास तौर से उसके महल के आसपास इसे भेजा गया। चूंकि बोरस अपने ग्रह के चारों ओर किसी सुरक्षा घेरे की आवश्यक्ता नहीं समझता था, अत: हम आसानी से अपने मक़सद में कामयाब हो गये। उस विकिरण ने बोरस और उसके मन्त्रियों में गुस्से और बेचैनी की भावनाएं खतरनाक हद तक बढ़ा दीं और वे आपस में ही कट मर गये।’’ मारियो ने अपनी बात समाप्त की।
‘‘ओह।’’ सबने यह सुनकर एक गहरी साँस ली।
‘‘वैसे मुझे भी कामयाबी की इतनी ज्य़ादा और इतनी जल्दी उम्मीद नहीं थी। बहरहाल अब हमें आगे के लिये अपने सुरक्षा घेरे को और मज़बूत करना है।’’ बादशाह रामिश के इन जुमलों के साथ ही मीटिंग खत्म हो गयी।
--समाप्त--
----जीशान हैदर जैदी
10 comments:
लाजवाब कहानी। आपकी कहानियों का कथानक पाठकों को मंत्रमुग्ध सा कर देता है। बधाई।
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कसौटी पर शिखा वार्ष्णेय..
फेसबुक पर वक्त की बर्बादी से बचने का तरीका।
प्रिय हिंदी ब्लॉगर बंधुओं ,
आप को सूचित करते हुवे हर्ष हो रहा है क़ि आगामी शैक्षणिक वर्ष २०११-२०१२ के दिसम्बर माह में ०९--१० दिसम्बर (शुक्रवार -शनिवार ) को ''हिंदी ब्लागिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनाएं '' इस विषय पर दो दिवशीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है. विश्विद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इस संगोष्ठी को संपोषित किया जा सके इस सन्दर्भ में औपचारिकतायें पूरी की जा चुकी हैं. के.एम्. अग्रवाल महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजन की जिम्मेदारी ली गयी है. महाविद्यालय के प्रबन्धन समिति ने संभावित संगोष्ठी के पूरे खर्च को उठाने की जिम्मेदारी ली है. यदि किसी कारणवश कतिपय संस्थानों से आर्थिक मदद नहीं मिल पाई तो भी यह आयोजन महाविद्यालय अपने खर्च पर करेगा.
संगोष्ठी की तारीख भी निश्चित हो गई है (०९ -१० दिसम्बर२०११ ) संगोष्ठी में आप की सक्रीय सहभागिता जरूरी है. दरअसल संगोष्ठी के दिन उदघाटन समारोह में हिंदी ब्लागगिंग पर एक पुस्तक के लोकार्पण क़ी योजना भी है. आप लोगों द्वारा भेजे गए आलेखों को ही पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित किया जायेगा . आप सभी से अनुरोध है क़ि आप अपने आलेख जल्द से जल्द भेजने क़ी कृपा करें . आलेख भेजने की अंतिम तारीख २५ सितम्बर २०११ है. मूल विषय है-''हिंदी ब्लागिंग: स्वरूप,व्याप्ति और संभावनाएं ''
आप इस मूल विषय से जुड़कर अपनी सुविधा के अनुसार उप विषय चुन सकते हैं
जैसे क़ि ----------------
१- हिंदी ब्लागिंग का इतिहास
२- हिंदी ब्लागिंग का प्रारंभिक स्वरूप
३- हिंदी ब्लागिंग और तकनीकी समस्याएँ
४-हिंदी ब्लागिंग और हिंदी साहित्य
५-हिंदी के प्रचार -प्रसार में हिंदी ब्लागिंग का योगदान
६-हिंदी अध्ययन -अध्यापन में ब्लागिंग क़ी उपयोगिता
७- हिंदी टंकण : समस्याएँ और निराकरण
८-हिंदी ब्लागिंग का अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य
९-हिंदी के साहित्यिक ब्लॉग
१०-विज्ञानं और प्रोद्योगिकी से सम्बंधित हिंदी ब्लॉग
११- स्त्री विमर्श से सम्बंधित हिंदी ब्लॉग
१२-आदिवासी विमर्श से सम्बंधित हिंदी ब्लॉग
१३-दलित विमर्श से सम्बंधित हिंदी ब्लॉग
१४- मीडिया और समाचारों से सम्बंधित हिंदी ब्लॉग
१५- हिंदी ब्लागिंग के माध्यम से धनोपार्जन
१६-हिंदी ब्लागिंग से जुड़ने के तरीके
१७-हिंदी ब्लागिंग का वर्तमान परिदृश्य
१८- हिंदी ब्लागिंग का भविष्य
१९-हिंदी के श्रेष्ठ ब्लागर
२०-हिंदी तर विषयों से हिंदी ब्लागिंग का सम्बन्ध
२१- विभिन्न साहित्यिक विधाओं से सम्बंधित हिंदी ब्लाग
२२- हिंदी ब्लागिंग में सहायक तकनीकें
२३- हिंदी ब्लागिंग और कॉपी राइट कानून
२४- हिंदी ब्लागिंग और आलोचना
२५-हिंदी ब्लागिंग और साइबर ला
२६-हिंदी ब्लागिंग और आचार संहिता का प्रश्न
२७-हिंदी ब्लागिंग के लिए निर्धारित मूल्यों क़ी आवश्यकता
२८-हिंदी और भारतीय भाषाओं में ब्लागिंग का तुलनात्मक अध्ययन
२९-अंग्रेजी के मुकाबले हिंदी ब्लागिंग क़ी वर्तमान स्थिति
३०-हिंदी साहित्य और भाषा पर ब्लागिंग का प्रभाव
३१- हिंदी ब्लागिंग के माध्यम से रोजगार क़ी संभावनाएं
३२- हिंदी ब्लागिंग से सम्बंधित गजेट /स्वाफ्ट वयेर
३३- हिंदी ब्लाग्स पर उपलब्ध जानकारी कितनी विश्वसनीय ?
३४-हिंदी ब्लागिंग : एक प्रोद्योगिकी सापेक्ष विकास यात्रा
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३६-हिंदी ब्लागिंग और व्यक्तिगत पत्रकारिता
३७-वेब पत्रकारिता में हिंदी ब्लागिंग का स्थान
३८- पत्रकारिता और ब्लागिंग का सम्बन्ध
३९- क्या ब्लागिंग को साहित्यिक विधा माना जा सकता है ?
४०-सामाजिक सरोकारों से जुड़े हिंदी ब्लाग
४१-हिंदी ब्लागिंग और प्रवासी भारतीय
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डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
हिंदी विभाग के.एम्. अग्रवाल महाविद्यालय
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सम्राट बोरस पर बहुत अच्छी जानकारी ....मेहनत भरा काम
भ्रमर ५
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