Wednesday, December 9, 2009

प्लैटिनम की खोज - एपिसोड : 71


‘‘क्यों रामसिंह क्या बात है?’’ प्रोफेसर ने पीछे से उसके कंधे पर धौल जमाई।
‘‘प्रोफेसर, तुमसे मैंने बहुत उम्मीदें लगाई थीं लेकिन तुम भी मेरे दर्दे इश्क  का इलाज नहीं कर पा रहे हो।’’ रामसिंह ने शिकायत की।

‘‘यह बीमारी लाइलाज है। फिर भी मैं कोशिश कर रहा हूं। तुम्हें शमशेर सिंह से सबक लेना चाहिए जिससे सरदार की बेटी प्रेम कर रही थी। लेकिन यह उसे छोड़कर चला आया।’’
‘‘शमशेर सिंह को क्या मालूम कि इश्क कैसे किया जाता है। यह तो बस इतना जानता है कि बकरे की रान कैसे पेट तक पहुंचायी जाती है।’’

‘‘बकरे की रान से तो सेहत बनती है। इश्क करने से क्या लाभ होता है?’’ शमशेर सिंह ने पलट कर पूछा।
‘‘प्रेम अँधा होता है। वह लाभ नहीं देखता। इश्क कोई बनिये का सौदा नहीं है जिसमें लाभ देखा जाये।’’

‘‘तो क्या बकरे की रान खाना बनिये का सौदा है?’’ शमशेर सिंह क्रोधित स्वर में बोला।
‘‘यह मैंने कब कहा। मैं तो यह कह रहा था कि अगर तुम भी किसी से इश्क कर लो तो तुम्हारा मोटापा कम हो जायेगा। क्योंकि इश्क में अपने आप डायटिंग हो जाती है।’’ रामसिंह ने मशवरा दिया। अब तक वह भोजन कर चुका था।

‘‘प्रोफेसर, मैं कहता हूं कि तुरन्त जंगल से बाहर निकलो वरना रामसिंह खुद भी फंसेगा और हमें भी फंसवायेगा।’’ शमशेर सिंह ने प्रोफेसर की ओर देखा।
‘‘मैं बिना मोली से शादी किये कहीं नहीं जाऊंगा।’’ रामसिंह दोनों को घूरते हुए बोला।

‘‘तुम्हें जाना पड़ेगा। अगर नहीं जाओगे तो हम तुम्हें जबरदस्ती ले जायेंगे।’’
‘‘चुप रहो।’’ रामसिंह जोर से दहाड़ा, ‘‘मैं कहीं नहीं जाऊंगा।’’

शमशेर सिंह और प्रोफेसर ने एक दूसरे की ओर देखा। उनके लिए रामसिंह की दहाड़ अप्रत्याशित थी।
‘‘आखिर मोली ही क्यों। शहर में एक से एक लड़कियां मिल जायेंगी।’’
‘‘मुझे केवल मोली चाहिए। मोली डार्लिंग -- मोली स्वीटी--- मोली डार्लिंग--- मोली स्वीटी।’’ रामसिंह इन चार शब्दों को लगातार दोहराने लगा था। लगता था कि ग्रामोफोन की सुई को इन्हीं चार शब्दों पर सेट कर दिया गया हो।

जब काफी देर बाद भी रामसिंह का रिकार्ड नहीं बन्द हुआ तो शमशेर सिंह ने प्रोफेसर से पूछा, ‘‘इसे क्या हुआ, कहीं ये पागल तो नहीं हो गया है?’’
‘‘मेरे अर्क का प्रभाव इस पर हो गया है लेकिन गलत ढंग से। मैंने तो इस बारे में सोचा ही नहीं था।’’ प्रोफेसर ने अपना सर खुजलाते हुए जवाब दिया।
‘‘क्या मिलाया था तुमने अपने अर्क में?’’

‘‘मैंने तो अफीम और भाँग की पत्तियां मिलायी थीं।’’