मुर्गियों को एक बाड़े में बन्द कर दिया गया था और तीनों को उसकी देखभाल पर तैनात कर दिया गया था। प्रोफेसर ने अपनी रिसर्च आरम्भ कर दी थी। वह रोज मुर्गियों को कोई न कोई मिक्सचर बनाकर पिलाता था किन्तु अभी तक किसी मुर्गी का अंडे देने का औसत दो दिन में एक से ज्यादा का नहीं हो पाया था.
यह रात का समय था और रामसिंह पहरेदारी पर तैनात था। पहरेदारी की आवश्यकता इसलिए पड़ गयी थी क्योंकि पिछले दो दिनों से तीन चार अण्डे गायब हो गये थे और चोर का पता नहीं चल सका था। फिर प्रोफेसर ने यह तय किया कि तीनों रात भर बारी बारी से पहरा देंगे। और इस समय रामसिंह की बारी थी।
वह झोंपड़ी की दीवार से टेक लगाकर ऊंघ रहा था। एक डण्डा उसकी बगल में रखा था।
एक आहट सुनाई पड़ी जिसने उसे चौकन्ना कर दिया। उसने सर उठाकर देखा। रात के अँधेरे में एक साया मुर्गियों के बाड़े की ओर जा रहा था।
उसने चाहा कि आवाज लगाये किन्तु फिर कुछ सोचकर रुक गया और डण्डा उठाकर दबे पाँव साये का पीछा करने लगा। जब साया मुर्गियों के बाड़े के पास पहुंचा तो रामसिंह उसके सर पर पहुंच गया। अगले ही पल रामसिंह के हाथ में उठा डण्डा साये की खोपड़ी सहला चुका था।
‘‘हाय मार डाला।’’ चीख की आवाज ने रामसिंह को चक्कर में डाल दिया। क्योंकि यह किसी औरत की आवाज थी। वह बौखला कर साये को टटोलने लगा। जल्दी ही यह बात स्पष्ट हो गयी कि वह कोई स्त्री है।
‘‘हे भगवान, यह क्या बला है’’ वह काँपते हुए बोला। उसने सुन रखा था कि रात के अँधेरे में चुड़ैलें इत्यादि भी चक्कर काटा करती हैं।
‘‘लेकिन फिर यह बेहोश कैसे हो गयी? चुड़ैलों पर तो चोट का असर नहीं होता।’’ उसके दिल को ढाँढस बंधी । उसने हिम्मत करके उसे उठाया और झोंपड़ी के अन्दर ले आया जहां प्रोफेसर और शमशेर सिंह गहरी नींद सो रहे थे।
उसने दिया जलाया और उसके प्रकाश में स्त्री को देखने लगा। यह गहरे साँवले रंग की युवती थी जिसकी आयु किसी भी प्रकार अट्ठारह वर्ष से अधिक नहीं थी। रामसिंह का दिल एक बार फिर उसके चुड़ैल होने की आशंका से डांवाडोल होने लगा।
‘‘भला एक युवती का इतनी रात को क्या काम।’’ उसने अपने मन में कहा। अगले ही पल उसने अपने दिल को समझाया, ‘‘हो सकता है यह किसी जरूरत से इधर आ निकली हो।’’
तभी उस युवती के मुंह से कराह निकली और रामसिंह उसकी ओर देखने लगा। कुछ पलों बाद उसने अपनी आँखें खोल दीं।
‘‘कौन हो तुम?’’ रामसिंह ने पूछा।
वह कुछ क्षणों तक रामसिंह की ओर देखती रही फिर जवाब दिया, ‘‘एक लड़की।’’
1 comment:
कितना सारगर्भित जवाब है न ?
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