Wednesday, January 12, 2011

कहानी - असली नकली (भाग 2)

सम्पादक, बृजेश और मि0 लाल एक साथ पुलिस कस्टडी में पहुंचे और वहाँ से एक सब इंस्पेक्टर को लेकर मुरदाघर रवाना हो गये। क्योंकि लाश वहीं पर थी।

जब वे लोग मुरदाघर के उस स्ट्रेचर के पास पहुंचे जिसपर लाश थी तो भौंचक्के रह गये। क्योंकि लाश का सर और हाथ पैर गायब थे। उनके साथ आये डाक्टर ये सिचुयेशन देखकर उनसे भी ज्यादा हड़बड़ा गये थे।
‘‘क्या इसी बेसिर पैर की लाश के लिए इतना हंगामा हो रहा था?’’ बृजेश ने टेढ़ी नज़रों से सम्पादक और मि0 लाल की ओर देखा।
‘‘ल--लेकिन जब ये लाश यहाँ लायी गयी थी तो इसके हाथ पैर, सर सब कुछ मौजूद थे।’’ एक डाक्टर बोला।

‘‘मेरा ख्याल है आप लोग किसी बड़ी गलतफहमी का शिकार हो चुके हैं। खैर मैं चलता हूं। आज एक रिपोर्टिंग करनी है।’’ कहते हुए बृजेश ने घड़ी देखकर सम्पादक से इजाज़त ली और वहाँ से चला गया।
‘‘सर! मैं आज तक इतना कन्फ्यूज नहीं हुआ। यह लाश हण्ड्रेड परसेन्ट मि0 बृजेश की मालूम हो रही थी।’’ मि0 लाल ने कहा।

उसी समय वहाँ इंस्पेक्टर ने प्रवेश किया।
‘‘हो सकता है यह लाश हण्ड्रेड परसेन्ट वास्तव में हो।’’ सम्पादक ने कहा।
‘‘वह कैसे?’’ इंस्पेक्टर ने पूछा।
‘‘अभी जो व्यक्ति यहां से गया है, वह मि0 बृजेश के मेकअप में कोई अन्य व्यक्ति भी हो सकता है। आप बृजेश की पूरी जाँच करिये। मेकअप से लेकर फिंगर प्रिन्ट जाँच तक।’’

‘‘लेकिन किसी दूसरे व्यक्ति को बृजेश बनने की जरूरत क्या है?’’ इंस्पेक्टर का सवाल था।
‘‘तीन दिन बाद हमारे अखबार को प्रधानमन्त्री जी इन्टरव्यू दे रहे हैं। और यह इन्टरव्यू बृजेश को ही लेना है। इसलिए हो सकता है उसके रूप में देश का कोई दुश्मन प्रधानमन्त्री जी को नुकसान पहुंचाना चाहता हो।’’

इंस्पेक्टर ने सहमति में सर हिला दिया।
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बृजेश के शरीर की जाँच शुरू हो गयी। चेहरे को तरह तरह के केमिकल से धुलाया गया। फिंगर प्रिन्ट्‌स चेक किये गये। लेकिन कहीं कोई गड़बड़ न मिली। फिंगर प्रिन्ट्‌स और चेहरे के एतबार से बृजेश पूरी तरह बृजेश था। इस तरह उसे क्लीन चिट थमा दी गयी।

फिर वह दिन भी आ गया जब बृजेश को प्रधानमंत्री का इंटरव्यू लेना था। कई तरह के सुरक्षा उपकरणों से जाँच करने के उपरान्त जब वह प्रधानमन्त्री कक्ष के पास पहुँचा तो अचानक एक बलिष्ठ शरीर के युवक ने आकर उसका रास्ता रोक लिया।
‘‘अब क्या है?’’ बृजेश ने विचलित होकर पूछा। लगातार चलने वाली सघन जाँच से वह परेशान हो उठा था।

‘‘अभी एक फाइनल जाँच और होगी मि0 बृजेश। उसके बाद ही आप प्रधानमन्त्री जी से मिल पायेंगे।’’ युवक ने कहा।
‘‘लेकिन तुम कौन हो?’’
‘‘मैं प्रधानमन्त्री जी की सिक्योरिटी टीम का चीफ आफिसर हूँ।’’ युवक ने कहा।
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