Sunday, July 12, 2009

प्लैटिनम की खोज - एपिसोड : 9

उसने पीछे मुड़कर देखा तो इंटरव्यू कमेटी दूर बैठी हुई थी। और वह स्वयं उस स्टूल पर बैठा था जो चपरासी के बैठने के लिए रखा हुआ था।

जब वह उठकर वहाँ पहुंचा तो इंटरव्यू कमेटी के चारों व्यक्तियों के चेहरे पर मुस्कुराहट थी। शमशेर सिंह सामने पड़ी खाली कुर्सी पर धंस गया और पसीना पोंछने के लिए जेब से रुमाल निकालने का प्रयत्न करने लगा। किन्तु बहुत देर टटोलने के बाद भी जब रुमाल नहीं मिला तो उसने टाई को इस काम के लिए इस्तेमाल कर लिया।

चेयरमैन ने अपनी बगल में बैठे व्यक्ति की ओर देखा और वह व्यक्ति बोला, ‘‘मैं भी यही सोच रहा था कि यह टाई तो हो नहीं सकती।’’

‘‘हां तो मिस्टर आपका नाम?’’ चेयरमैन ने शमशेर सिंह को संबोधित किया और शमशेर सिंह जो पसीना पोंछने में लीन था हड़बड़ा कर आगे की ओर झुका, ‘‘ज--जी, मेरा नाम दिलावर सिंह है।’’
‘‘और पिता का नाम?’’
‘‘जी--शमशेर सिंह।’’ कह कर शमशेर सिंह अपना सर खुजलाते हुए कुछ सोचने लगा। मानो उसने कुछ गलत कह दिया हो।

चेयरमैन ने अपने सामने रखी शमशेर सिंह की फाइल खोली और बोला, ‘‘लेकिन इसमें तो आपका नाम शमशेर सिंह और पिता का नाम दिलावर सिंह है।’’
‘‘वही तो मैंने भी बताया है।’’ विस्मय से शमशेर सिंह ने चेयरमैन का चेहरा देखा।

‘‘ठीक है, ठीक है।’’ चेयरमैन ने अपना गंजा सर खुजलाते हुए कहा, ‘‘क्या तुम इंटरव्यू देने के लिए तैयार हो?’’
‘‘जी हां बिल्कुल।’’

‘‘हमें ऐसे आदमियों की तलाश है जो एडवेंचर को पसंद करते हों और खतरों से खेलने के आदी हों। कया तुम इसके लिए तैयार हो?’’ चेयरमैन ने पूछा।

‘‘एडवेंचर तो मुझे बहुत पसंद है। मैं एडवेंचर वाली कोई फिल्म नहीं छोड़ता।’’

‘‘फिल्मी एडवेंचर और वास्तविक जीवन के एडवेंचर में बहुत फर्क होता है। क्या तुम अपना कोई साहसपूर्ण कारनामा सुना सकते हो?’’ चेयरमैन की बगल में बैठे व्यक्ति ने पूछा। इस व्यक्ति ने लाल टाई लगा रखी थी।

‘‘एक बार मैंने पूरी रात एक जंगल में बिताई थी।’’ शमशेर सिंह ने बताया।
‘‘वह किस प्रकार?’’ उसी व्यक्ति ने उत्सुकता से पूछा।

‘‘एक बार मैं शिकारियों की टीम के साथ एक जंगल में शेर का शिकार करने गया। वहां पहुंचने पर मालूम हुआ कि उस जंगल में केवल खरगोश रहते हैं। निराश होकर हमने केवल दो तीन खरगोशों का शिकार किया और वापस लौटने का इरादा किया। किन्तु वापसी के समय मेरे साथी मुझे साथ लेना भूल गये और मैं वहां अकेला रह गया।’’

3 comments:

Unknown said...

achha laga........
waah !

seema gupta said...

रोचक.....

regards

अभिषेक मिश्र said...

Adventurous to hain hi hamare Shamsher ji. :-)