Sunday, February 1, 2009

ताबूत - एपिसोड 53

"कमाल है. क्या तुम लोग किसी दूसरी दुनिया से आए हो? जिसके लिए लोगों में लूटमार मची है. वह तुम लोग जानते ही नहीं कि होती क्या है. मेरा मतलब था कि क्या तुम यहाँ पर मेरे साथ काम करोगे?"
"अर्थात तुम्हारा मतलब है कि जो कुछ तुम यहाँ पर करते हो वही हम लोग भी करें." मारभट ने पूछा.
"हाँ. तुम लोग ठीक समझे. अब तुम लोग बाहर बैठ जाओ फ़िर मैं बताऊंगा कि तुम्हें क्या करना है." मैनेजर ने कहा और मारभट तथा सियाकरण उठकर बाहर चले आए.
उनके जाने के बाद मैनेजर ने फोन उठाया और किसी का नंबर मिलाने लगा. फ़िर दूसरी तरफ़ किसी को बताने लगा, "हैलो बॉस, आज दो मुर्गे फंसे हैं. एकदम डफर हैं. मेरा विचार है कि उन्हें हम ब्लैक क्रॉस की पार्टी के ख़िलाफ़ प्रयोग कर सकते हैं."

"ठीक है. किंतु उनके बारे में पूरी छानबीन कर लेना. कहीं वे कोई जासूस न हों." दूसरी ओर से आवाज़ आई.
"आप चिंता मत करिए. पूरी तरह छानबीन के बाद ही मैं उन्हें काम सौंपूंगा." मैनेजर ने कहा. दूसरी तरफ़ से रिसीवर क्रेडिल पर रखने की आवाज़ आई और मैनेजर फोन रखकर केबिन से बाहर आ गया. हाल में मारभट और सियाकरण बैठे हुए बुरा मुंह बना बनाकर कोका कोला पी रहे थे. मैनेजर उनके पास पहुँचा और बोला, "क्या तुम लोग काम करने के लिए तैयार हो?"
"हाँ. हम तैयार हैं? किंतु पहले ये बताओ की इस बोतल में यह बदबूदार चीज़ क्या है?"
"यह तो कोका कोला है. यह तुम्हें कहाँ मिला?"
इसपर मारभट ने काउंटर की ओर संकेत करते हुए कहा, "मैंने इसे वहां देखा था. मैंने सोचा कि देखें यह क्या है अतः मैंने उसके पीछे खड़े व्यक्ति से यह मांग लिया."
"ठीक है. अब तुम लोगों को यह करना है कि मैं तुम्हें कुछ डिब्बे दूँगा. तुम उन्हें एक जगह पहुँचा देना." फ़िर मैनेजर उन्हें यह बताने लगा कि वे डिब्बे उन्हें कहाँ पहुंचाने हैं. समझाने के बाद जब उसने उनसे पूछा कि कुछ समझ में आया तो उन्होंने नहीं में सर हिला दिया.
"ओह! यह तो प्रॉब्लम हो गई." मैनेजर ने सर सहलाते हुए कहा, "अच्छा ऐसा करते हैं कि मैं तुम्हारे साथ एक आदमी भेज दूँगा. वह तुमको उस इमारत तक पहुँचा देगा. फ़िर तुम इमारत के अन्दर चले जाना और डिब्बे दे देना."
"हाँ. यह हो सकता है." दोनों ने सहमती प्रकट की. फ़िर मैनेजर उन्हें लेकर एक कमरे में गया और दोनों को एक एक प्लास्टिक का डिब्बा पकड़ा दिया. फ़िर उसने एक व्यक्ति को बुलाया और बोला, "इन दोनों को ब्लैक क्रॉस की इमारत नं. एक में पहुँचा दो. तुम अन्दर न जाना."
उस व्यक्ति ने सर हिला दिया और उन्हें लेकर बाहर निकल गया.

उनके जाने के बाद मैनेजर ने फोन उठाया और एक नंबर मिलाने के बाद बोला, "हैलो ब्लैक क्रॉस, हमने अपने दो साथियों को हेरोइन देकर तुम्हारे पास भेज दिया है. तुम उन्हें रिसीव कर लेना." उसने फोन क्रेडिल पर रखा और फ़ौरन ही उसे उठाकर दूसरा नंबर डायल करने लगा. फ़िर नंबर मिलने पर बोला, "बॉस, मैंने उन दोनों मूर्खों को शक्तिशाली बमों के साथ ब्लैक क्रॉस की इमारत नं. एक में भेज दिया है. उन बमों का कंट्रोल मेरे हाथ में है. बटन दबाते ही पूरी इमारत तबाह हो जायेगी. और साथ ही हमारा सबसे बड़ा कारोबारी दुश्मन भी.......बम फटते समय यह आवश्यक है की वह उन मूर्खों के हाथ में हो. क्योंकि वे लोग तुंरत ही हमारी भेजी गई साड़ी वस्तुओं को बम प्रूफ़ केबिन में रख देते हैं. और पूरी तरह चेक करने के बाद ही बाहर निकालते हैं." सारी बात बताने के बाद उसने रिसीवर रख दिया.

---------------

No comments: