Thursday, September 11, 2014

जिस्म खोने के बाद : कहानी (भाग - 1)

-ज़ीशान हैदर ज़ैदी  

ब्राजील में अमेजन नदी के किनारे एक सुनसान भूभाग में यह गोलाकार इमारत थी। दरअसल यह एक साइंटिफिक लैब थी जहाँ गुप्त रूप से कोई रिसर्च चल रही थी। प्रयोगशाला में कुल चार साइंटिस्ट थे जिनमें सबसे अधिक आयू के प्रो0 चाल्र्स थे जो पैंसठ बसंत देख चुके थे। दूसरा साइंटिस्ट डा0 कार्टर पच्चीस वर्षीय युवक था। प्रो0 विलियम की आयु चालीस के आसपास थी लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की थी। चौथी साइंटिस्ट डा0 कैरोलीन की आयु तीस के आसपास थी।

एक हालनुमा कमरे में चारों तरफ फैली अनेक मशीनों के बीचोंबीच एक स्ट्रेचर पड़ा हुआ था जिसपर कोई मानवीय शरीर रखा था। कमरे में रखी मशीनों से अनेक नालियाँ निकलकर उस शरीर के विभिन्न भागों से संलग्न थी। शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी। उस मानव के चारों तरफ चारों वैज्ञानिक खड़े हुये थे।

‘‘आपरेशन स्टार्ट किया जाये।’’ प्रो0 चाल्र्स ने कहा। इसी के साथ उनके पास खड़े तीनों वैज्ञानिक हरकत में आये और उस शरीर के ऊपर अपने तरीके से आपरेशन में जुट गये। 

थोड़ी ही देर बाद उस मानव के सर से पूरा दिमाग सावधानीपूर्वक निकाला जा चुका था।
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मिस रीटा हालीवुड की जानी मानी हीरोईनों में गिनी जाती थी। हालाँकि फिल्म जगत में प्रवेश किये हुये उसे अधिक समय नहीं हुआ था। फिर भी वह वहाँ की मशहूर हीरोईनों को टक्कर देने लगी थी।

किन्तु इस समय उसके घर पर ज़बरदस्त भीड़ जमा थी, जिसमें पुलिस भी शामिल थी। वजह यह थी कि मिस रीटा सुबह अपने बेडरूम में मृत मिली थी। लाश का निरीक्षण शुरू हुआ। ज़ख्म का कहीं कोई निशान नहीं था जिससे हत्या का संदेह किया जा सकता। मौत का कारण जानने के लिये लाश को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया गया। 

जल्दी ही पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी मिल गई। रिपोर्ट के अनुसार मौत करंट का तीव्र झटका लगने के कारण हुई थी। लाश की गर्दन पर झुलसने का निशान था। मालूम होता था कि बिजली का नंगा तार मिस रीटा की गर्दन से छू गया। फलस्वरूप करंट के झटके से उसकी मृत्यु हो गई।

लेकिन हैरत की बात ये थी कि कमरे में बिजली के नंगे तार का कहीं कोई वजूद नहीं था। और फिर गर्दन पर तार का लगना, कहीं कोई गड़बड़ ज़रूर थी।
अन्त में पुलिस ने इसे हत्या का केस मानकर जाँच शुरू कर दी।
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इस कमरे में मौजूद दो व्यक्ति एक कम्प्यूटर के सामने बैठे हुये उसकी स्क्रीन पर आती हुई आड़ी तिरछी लाईनों को घूर रहे थे। उनमें से एक अधेड़ आयु का था जबकि दूसरा लगभग पंैतीस वर्षीय युवक था।

‘‘मि0 रोनाल्डो, आपके चेहरे से प्रतीत होता है कि कोई बड़ी कामयाबी मिल चुकी है आपको।’’ युवक ने अधेड़ आयु व्यक्ति को संबोधित किया।
‘‘तुमने ठीक अनुमान लगाया बेकर। मेरा ये कम्प्यूटर अब काफी डेवलप हो चुका है और वायुमंडल में मौजूद सभी रेडियो तथा विद्युत तरंगों को कैच करके उनकी उपस्थिति के बारे में बता देता हैै और साथ साथ उनकी तीव्रता भी।’’

‘‘वेरी गुड। यानि कि ये बता देगा कि कौन सी तरंग कमज़ोर है और कौन सी शक्तिशाली।’’ बेकर ने कहा।

‘‘बिल्कुल ठीक। तुम ये जो स्क्रीन पर लकीरें देख रहे हो, ये विद्युत तरंगों को बताती हैं। इस समय लगभग बारह सौ प्रकार की विधुत तरंगे यहाँ के वायुमंडल में फैली हुई है।’’ मि0 रोनाल्डो बेकर को बता रहे थे।
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...जारी है।  

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