Tuesday, October 12, 2010

कहानी : बचाने वाला! (तीसरा अंतिम भाग)

‘‘हाँ ! और वही मैं बताने जा रहा हूँ। तुम्हारे पास ऐसे उपकरण और राकेट मौजूद हैं। जो किसी छोटे मोटे ग्रह को कुछ देर के लिये उसकी कक्षा में स्थिर कर दें। मेरी योजना यह है कि पृथ्वी के उपग्रह अर्थात चंद्रमा को इन राकेटों की सहायता से कुछ देर के लिये उसकी कक्षा में स्थिर कर दिया जाये। इस प्रकार हम चन्द्रमा को उस समय कोमेटिव के सामने ला सकते हैं जब वह पृथ्वी से टकराने वाला हो। इस प्रकार कोमेटिव पृथ्वी से टकराने के बजाये चन्द्रमा से टकरा जायेगा और पृथ्वी को कोई हानि नहीं पहुँचेगी।’’ उस भविष्य के मानव ने कहा।
‘‘तुम ठीक कहते हो। लेकिन चन्द्रमा को कितनी देर के लिये कक्षा में स्थिर किया जाये, इसमें सटीक कैलकुलेशन की ज़रूरत होगी। और इस कैलकुलेशन में एक सूक्ष्म गलती भी पृथ्वी को प्रलय से नहीं बचा सकेगी।’’ प्रो0 भटनागर ने अपनी शंका सामने रखी।
‘‘इसके बारे में पूरी कैलकुलेशन हमारे समय में की जा चुकी है और जो निष्कर्ष निकाले गये हैं वह मैं तुम्हें बता रहा हूँ। इसे तुम अपनी नोटबुक पर लिख लो।’’ उस अज्ञात भविष्यात्री ने कहा और प्रो0 भटनागर ने अपनी नोटबुक उठा ली। फिर वे भविष्यात्री के बताये हुये निष्कर्ष लिखने लगे।
‘‘इन्हें तुम्हारे युग के वैज्ञानिक अपने कम्प्यूटरों पर चेक कर सकते हैं। उन कम्प्यूटरों पर भी इसी प्रकार के निष्कर्ष मिलेंगे।’’ गणनाएं लिखवाने के पश्चात भविष्यात्री ने कहा। ‘‘और अब मैं वापस जा रहा हूँ क्योंकि मेरा यहाँ आने का उद्देश्य पूरा हो गया है। लेकिन तुम्हें यह वादा करना होगा कि तुम इस मुलाकात को गुप्त रखोगे।’’ समययात्री ने कहा।
‘‘लेकिन मुझे यह गणनायें लोगों के सामने रखनी होंगी और उस समय मुझे बताना होगा कि यह गणनायें तथा निष्कर्ष मैंने किस प्रकार प्राप्त किये।’’ प्रो0 भटनागर ने कहा।
‘‘तुम यह कह सकते हो कि यह गणनायें तुमने खुद की हैं।’’ इसी के साथ कुर्सियों पर दिख रही प्रकाशीय आकृतियां गायब हो गयीं। प्रो0 भटनागर ने अपनी आँखों को मला। उन्हें यही लग रहा था मानो वे सपना देखते देखते अचानक जाग उठे हों।
अगले दिन सेमिनार में प्रो0 भटनागर ने भविष्य यात्री द्वारा बताया गया हल वैज्ञानिकों के सामने प्रस्तुत किया। वह एक अछूता विचार था और दूसरे वैज्ञानिक इसको स्वीकार करने में असमंजस में थे।
‘‘प्रोफेसर भटनागर, क्या आपको पूरा विश्वास है कि आपकी गणनायें शत प्रतिशत सही हैं ?’’ अमेरिकन वैज्ञानिक प्रो0 हिल ने पूछा।
‘‘इन गणनाओं पर मुझे उतना ही विश्वास है, जितना इस बात पर कि मेरे दो हाथ हैं। अगर आप लोगों को इस बारे में कोई शंका हो तो आप इन्हें अपने कम्पयूटरों पर परख सकते हैं।‘‘ प्रो0 भटनागर ने कहा।
आपका सोल्यूशन सभी में बेस्ट है। हम लोग इन गणनाओं को परखने के बाद इनका इस्तेमाल करेंगे।’’ ब्रिटिश वैज्ञानिक ने कहा और मीटिंग समाप्त हो गयी।
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फिर विश्व के पाँच देशों में चन्द्रमा को स्थिर करने के समय की गणना हुई और सभी स्थानों पर समान परिणाम आया जो प्रो0 भटनागर के हल के पूरी तरंह अनुरूप था। उसी समय से चन्द्रमा को स्थिर करने के लिये तैयारियाँ शुरू हो गयीं।
थोड़े समय पश्चात पाँच बड़े अन्तरिक्ष यान तैयार हो गये जिन्हें चन्द्रमा के पास भेजा जाने वाला था। एक निश्चित समय पर इन्हें चन्द्रमा की कक्षा में भेज दिया गया।
फिर लोगों ने विज्ञान का एक और चमत्कार देखा। इन अन्तरिक्ष यानों ने अपनी आकर्षण शक्ति से चन्द्रमा को उसकी कक्षा में स्थिर कर दिया था और ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ था।
एक निश्चित समय तक चन्द्रमा को उसकी कक्षा में स्थिर किया गया फिर अन्तरिक्ष यानों को पृथ्वी पर वापस बुला लिया गया। अब वैज्ञानिक कोमेटिव के पास आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। बड़े देशों सहित प्रत्येक देश की वेधशालाओं द्वारा कोमेटिव की एक एक हरकत पर नज़र रखी जा रही थी।
फिर वह भयंकर दिन आ गया जब कोमेटिव चन्द्रमा से टकराया। यह एक भीषण टक्कर थी जिसके फलस्वरूप चन्द्रमा दो टुकड़ों में बंट गया। इस टक्कर में कुछ छोटे टुकड़े पृथ्वी के वायुमंडल में भी पहुँचे किन्तु घर्षण के कारण जल गये।
पृथ्वी पूरी तरह बच गयी। लोग सड़कों पर निकलकर जश्न मनाने लगे क्योंकि उनपर आने वाली प्रलय टल गयी थी।
पूरा विश्व प्रो0 भटनागर का आभारी था और प्रो0 भटनागर स्वयं उन भविष्ययात्रियों के आभारी थे।
----समाप्त----

6 comments:

सुज्ञ said...

जन्म दिन की मुबारकबाद ज़िशान !!

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

Sundar kahani, shandar samapan.

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

जीशान भाई, गाडी यहीं पर क्‍यों रूकी हुई है।

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छुई-मुई सी नाज़ुक...
कुँवर बच्‍चों के बचपन को बचालो।

अभिषेक मिश्र said...

काफी अच्छी लगी आपकी कहानी. मगर नई प्रविष्टी में इतना विलंब क्यों !

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

जीशान भाई, इस शमा को जलाए रखें।

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पति को वश में करने का उपाय।

pragya said...

interesting!!!